Chaiti Chhath Puja 2024: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा महोत्सव का आगाज शुक्रवार आज से हो गया है। नहाए खाए के साथ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ शुरू हो गया है। शनिवार 15 अप्रैल को सूर्य अर्घ्य के साथ इसका समापन होगा।
शनिवार यानी 13 अप्रैल को खरना होगा, रविवार यानी 14 अप्रैल को शाम के अर्घ्य के साथ सोमवार यानी 15 अप्रैल को सुबह में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व अपने समापन की ओर होगा।
12 अप्रैल को नहाय-खाय
बता दे कि नहाय खाए- पहले दिन छठ व्रती पूरी शुद्धता के साथ कद्दू-भात से नहाय-खाय करेंगे। पहले दिन नहाय-खाय पर सुबह-सुबह पटना के घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ी। छठ व्रतियों ने पहले दिन गंगा स्नान कर घरों में गंगाजल लाकर पूजा करने के बाद अरवा चावल,चने की दाल, लौकी की सब्जी, सेंधा नमक, आंवला की चटनी ग्रहण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लिया। इसके बाद से 36 घंटे तक निर्जला उपवास शुरू हो गया।
13 अप्रैल को खरना
शनिवार यानी 13 अप्रैल को खरना है। खरना वाले दिन छठ व्रती पूरे दिन उपवास रखकर शाम में खीर और रोटी से खरना करेंगे। इस दिन चैती छठ करने वाले व्रती गंगा नदी में स्नान कर गंगाजल ले जाकर घर पर छठ मैया का प्रसाद तैयार करते हैं।
14 अप्रैल को सायंकालीन अर्घ्य
रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। 14 अप्रैल रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती अर्घ्य अर्पित करेंगे। इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर या ईंट के चूल्हे पर छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता है।
15 अप्रैल को उदयकालीन अर्घ्य व पारण
दरअसल, 14 अप्रैल रविवार को आर्द्रा नक्षत्र में व्रती द्वारा डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पारण कर चार दिवसीय महापर्व पूरा हो जाएगा।
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