वैदिक पंंचांंग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है। नवरात्रि में माता के 9 स्वरूपों की पूजा- अर्चना करने का विधान है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के भक्त उपवास रखते हैं। वहीं कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के सामने अखंड ज्योति प्रज्जवलित की जाती है। वहीं ज्योतिष में कुछ उपायों का वर्णन मिलता है, ये उपाय अगर किए जाए तो आपके धन में वृद्धि हो सकती है। साथ ही जीवन में सुख- शांति रहेगी।
कई बार हम पूजा में बहुत छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं। ये दिखने में भले ही छोटी हों परन्तु इनकी वजह से सौभाग्य भी दुर्भाग्य में बदल सकता है। यही कारण है कि बहुत से लोग खूब पूजा-पाठ करने के बाद भी अपने मनचाहे लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते।
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस समय कलश स्थापित कर सकते हैं।
इस नवरात्रि में जानिए इन सावधानियों के बारे में…
पूजा में ध्यान रखें ये बातें
- सभी देवी-देवताओं को अलग-अलग पुष्प चढ़ाए जाते हैं। यथा गणेशजी, मां दुर्गा और विष्णु जी को कभी भी कनेर, धतूरा और आकड़े का पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए। इसी प्रकार भगवान शिव और गणेश जी को तुलसी पत्र या तुलसी पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करना दुर्भाग्य ला सकता है।
- पूजा करते समय देवी-देवताओं को चावल चढ़ाए जाते हैं। ध्यान रखें कि ये चावल अक्षत यानि बिना टूटे-फूटे हो। यदि एक भी चावल टूटा-फूटा होगा तो आपकी पूजा खंडित हो जाएगी जो अशुभ है।
- पूजा में कलश स्थापना की जाती है। इसके लिए हमेशा जटा वाले नारियल का ही प्रयोग करना चाहिए। कई लोग टूटे हुए या छिले हुए नारियल से भी कलश स्थापना करते हैं जो अशुभ होता है। छिला हुआ नारियल भगवान को प्रसाद या नैवेद्य में चढ़ाया जा सकता है परन्तु उसे कलश पर नहीं रखना चाहिए।
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