CJI NV RAMANA का सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल का आज आखिरी दिन है। इस मौके पर एनवी रमणा ने शुक्रवार को समारोह पीठ को संबोधित किया।
8 साल तक सुप्रीम कोर्ट के जज और पिछले 16 महीनों से चीफ जास्टिस के तौर पर भारत की न्यायपालिका का नेत्तृव करते हुए शुक्रवार को रिटायर हुए जस्टिस NV RAMANA जब अंतिम बार पीठ की सुनवाई करने बैठे, तो विदाई जैसा माहौल हो गया। सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ऐेसे भावुक हुए कि कई मिनटों तक उनके आंसू रूक नही पाए। उनके भाषण के कई वाक्य तो भरे गले और आंसूओं के साथ निकलें। बस इतना ही सुना जा सका कि आपका कार्यकाल जबरदस्त रहा।
NV Ramana ने कहा i am sorry!
उन्होंने कहा कि 16 महीनों में सिर्फ 50 दिन ही प्रभावी और पूर्णकालिक सुनवाई कर पाया हूँ, एनवी रमणा ने अपने कार्यकाल में जल्दी सुनवाई के लिए मुकदमों की लिस्टिंग करवाने पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के लिए अपने आखिरी समारोह पीठ में माफी मांगी। इस दौरान भारत के चीफ जास्टिस ने कहा I Am Sorry.
NV RAMANA आज अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. गुरुवार को विदाई समारोह में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके कार्यकाल के दौरान कई हाईकोर्ट में 224 जजों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया गया. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट से संबंधित लगभग सभी नामों को मंजूरी दे दी गई. उम्मीद है कि केंद्र द्वारा भी इन सिफारिशों को मंजूरी दे दी जाएगी.
चीफ जस्टिस NV RAMANA ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वह कानूनी बिरादरी की अपेक्षाओं पर खरे उतरे. निवर्तमान CJI ने दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए गए फेयरवेल कार्यक्रम में कहा, “मुझे लगता है कि मैं उस उम्मीद पर खरा उतरा जो आपने मुझसे की थी. मैंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कर्तव्यों का हर संभव तरीके से निर्वहन किया. मैंने दो मुद्दों को उठाया है, आप सभी जानते हैं, बुनियादी ढांचा और न्यायाधीशों की नियुक्ति. धन्यवाद सुप्रीम कोर्ट और कॉलेजियम में जजों द्वारा दिए गए समर्थन से, हमने हाईकोर्टों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया।
रिटायरमेंट से पहले देगें इन 5 मामलों में अपना फैसलाः
NV ramanna अपने रिटायरमेंट से पहले आज इन मामलों में अपना फैसला देगें।
चुनाव में फ्रीबीज
2007 गोरखपुर दंगे,
कर्नाटक माइनिंग,
राजस्थान माइनिंग लीजिंग
और बैंकरप्सी
खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट जस्टिस NV RAMANA के कार्यकाल के अंतिम दिन कार्यवाही का लाइव स्ट्रीम कर रहे है। आइए जानते हैं इन मामलों के बारे में।
Rajasthan Mining Leasing 2016
सुप्रीम कोर्ट 2016 के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान सरकार की अपील पर फैसला सुनाएगा, जिसने अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को भूमि में अपना चूना पत्थर खनन पट्टा जारी रखने की अनुमति दी थी. राज्य सरकार का दावा है कि वहां “जोहड़” या जल निकाय था. पिछले हफ्ते अदालत के समक्ष बहस के दौरान, राजस्थान सरकार ने तर्क दिया कि जिस क्षेत्र में चूना पत्थर की खदान स्थित है वह एक “मौसमी जल निकाय” है जो वर्षा जल एकत्र करता है. जल निकाय कई वर्षों से सूखा पड़ा है क्योंकि इस क्षेत्र में वर्षा नहीं हुई है. हालांकि, यदि खनन की अनुमति दी जाती है, तो वर्षा होने की स्थिति में आसपास के क्षेत्र का पारिस्थितिक संतुलन गड़बड़ा जाएगा।
Karnatak Mining
कर्नाटक में लौह अयस्क खदानों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन के कारण 2009 में एक एनजीओ समाज परिवर्तन समुदाय ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद खनन को बंद कर दिया गया था. हालांकि 2013 में कड़ी शर्तों के तहत कुछ खानों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई और लौह अयस्क और छर्रों के निर्यात पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया. शीर्ष अदालत में विभिन्न खनन कंपनियों द्वारा लौह अयस्क के निर्यात पर एक दशक पुराना प्रतिबंध और लौह अयस्क के खनन पर जिला स्तर की सीमा हटाने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई थीं. खान मंत्रालय ने कर्नाटक के बाहर लौह अयस्क के निर्यात की अनुमति देने की मांग का समर्थन किया है. सरकार की ओर से तर्क दिया है कि देश को 192 मिलियन टन से अधिक लोहे की आवश्यकता है, लेकिन लगभग 120 मिलियन टन का उत्पादन होता है.
Election Freebies
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश NV RAMANA, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की बेंच राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्शन फ्रीबीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर फैसला सुनाएगी. बता दें, यह जनहित याचिका दिल्ली बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है. इससे देश में एलेक्शन फ्रीबीज पर बड़ी बहस शुरू कर दी है. बीते बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए CJI ने राजनीतिक दलों से पूछा था कि मुफ्त को कैसे परिभाषित किया जाए
bankruptcy law
सुप्रीम कोर्ट एबीजी शिपयार्ड के आधिकारिक परिसमापक द्वारा राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) द्वारा पारित आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर फैसला सुनाएगा. कोर्ट फैसला करेगा कि क्या एक सफल बोलीदाता द्वारा भुगतान के लिए भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) द्वारा प्रदान किए गए 90 दिन की खिड़की में परिसमापन विनियम 2016 के परिसमापन प्रक्रिया विनियम पूर्वव्यापी रूप से लागू होंगे. क्या उन मामलों में भी जहां परिसमापन प्रक्रिया 2019 में संशोधित दिशानिर्देशों के प्रभावी होने की तारीख से पहले शुरू हुई थी.
Gorakhpur Riots 2007
सुप्रीम कोर्ट 2007 के गोरखपुर दंगा में सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण के आरोप में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार करने वाली यूपी सरकार को चुनौती देने वाली याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. इस मामले में चीफ जस्टिस NV RAMANA की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 अगस्त को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. शीर्ष अदालत में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा कथित भड़काऊ भाषण की जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था. इस मामले में राज्य सरकार ने पिछले साल आदित्यनाथ योगी को अभियुक्त बनाने से ये कहकर मना कर दिया था और कहा था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं.
बता दें कि 11 साल पहले 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. इस दंगे में दो लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे. इस दंगे के लिए तत्कालीन सांसद व मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था. कहा गया था कि इनके भड़काऊ भाषण के बाद ही दंगा भड़का था।
आइए जानते हैं भारत के 48वें न्यायाधीश के सफर के बारे मेंः
NV RAMANA का जन्म 27 अगस्त 1957 को आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था। 10 फरवरी 1983 को उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया और आन्ध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रौक्टिस शुरू की। उनको 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायधीश बनाया गया था। 2 सितम्बर 2013 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायधीश बनाया गया और 17 फरवरी 2014 को वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश बने।
न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे के सेवानिवृत्त होने पर 23 अप्रैल 2021 को उन्हें मुख्य न्यायधीश बनाया गया। वे भारत के ४८वें मुख्य न्यायधीश बने।
भारत के नये चीफ जास्टिसः
जस्टिस यूयू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। चीफ जस्टिस NV RAMANA ने उनके नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर की है। जस्टिस यूयू ललित भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।
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