COP27 : संयुक्त राष्ट्र का जलवायु शिखर सम्मेलन हर साल होता है। इसमें सरकारें वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए उठाए जाने वाले क़दमों पर चर्चा करती हैं और इन पर मुल्कों में सहमति बनती है।
![COP27](https://ichef.bbci.co.uk/news/976/cpsprodpb/EF14/production/_127340216_cb4eac8017ae7c96ad8b9fabd0c459a8ce1e9414.jpg)
इन्हें सीओपी (COP) या ‘कांफ्रेंस ऑफ़ द पार्टीज़’ कहा जाता है। इन सम्मेलनों में वो देश शामिल होते हैं जिन्होंने 1992 में हुए मूल जलवायु समझौते पर दस्तख़त किए थे, वही पार्टी भी हैं। COP27 संयुक्त राष्ट्र की जलवायु के मुद्दे पर 27वीं सालाना बैठक है। ये मिस्र के शर्म अल-शेख़ में 6 से 18 नवंबर के बीच होगी।
COP27 में कौन-कौन होगा शामिल?
इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए 200 से अधिक देशों की सरकारों को आमंत्रित किया गया है। कुछ बड़े देशों के नेता जैसे ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शायद इसमें शामिल ना हो पाएं। हालांकि इन देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
वहीं चीन जैसे कुछ देशों ने भी अपनी अपने नेता की उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है। मेज़बान मिस्र ने देशों से अपने मतभेदों को किनारे करके ‘नेतृत्व प्रदर्शित’ करने की अपील की है।
वैश्विक नेताओं के अलावा पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले संगठन, कम्यूनिटी ग्रुप्स, थिंक टैंक, कारोबारी कंपनियां, धार्मिक समूह भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर मिस्र में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन हिस्सा लेंगे। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।
COP27 में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होगी?
बैठक से पहले देशों से अपनी महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय योजनाओं को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। अभी तक सिर्फ़ 25 देशों ने ही ऐसा किया है।
COP27 में मुख्य तौर पर तीन बिंदुओं पर चर्चा होगी–
– उत्सर्जन कम करना.
– देशों को जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए तैयार रहने और इस दिशा में क़दम उठाने में मदद करना.
– इन गतिविधियों के लिए विकासशील देशों के लिए फंड सुरक्षित करना.
इसके अलावा COP26 में जो बिंदू छूट गए कुछ बिंदुओं पर भी चर्चा होगी–
– नुक़सान और क्षति वित्तीय सहयोग। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से उबरने के लिए देशों को पैसा भी मुहैया कराना.
– वैश्विक कार्बन बाज़ार की स्थापना। वैश्विक स्तर पर उत्पादों और सेवाओं की क़ीमत में उत्सर्जन के प्रभावों को भी जोड़ना.
– कोयले का इस्तेमाल कम करने के लिए प्रतिबद्धताओं को और मज़बूत करना.
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