देश में ही विकसित पहले इंट्रानेसल कोविड-19 टीके ‘इनकोवैक’ को 26 जनवरी से लोगों को देने की शुरुआत की जाएगी. कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने यह जानकारी दी। इसे स्वदेशी भारत बायोटेक ने बनाया है। चीन में बढ़ते कोरोना के कहर के बीच भारत सरकार की तरफ से पिछले साल 23 दिसंबर को इस वैक्सीन को मंजूरी मिली थी।
कोरोना ने पूरी दुनिया में जो तबाही मचाई, उससे हर कोई वाकिफ हो चुका है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ वैक्सीन को सबसे अहम हथियार माना जा रहा है।
भोपाल में आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) में विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए कृष्णा एला ने बताया कि मवेशियों को लम्पी त्वचा बीमारी से बचाने के लिए देश में ही विकसित टीके लम्पी प्रोवैकइंड की अगले महीने शुरुआत की जाएगी. मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आयोजित आईआईएसएफ के ‘‘विज्ञान में फेस टू फेस विथ न्यू फ्रंटियर में शिरकत की।
इस कार्यक्रम जानकारी देते हुए कृष्णा एला ने कहा, ‘‘हमारा नेसल टीका (नाक के जरिये दिया जाने वाला टीका) आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर लॉन्च किया जाएगा.” भारत बायोटेक ने पिछले साल दिसंबर में घोषणा की थी कि वह इंट्रानेसल टीके को सरकार को 325 रुपये प्रति खुराक की दर से बेचेगा, जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए इसकी कीमत 800 रुपये प्रति खुराक होगी।
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