योगी सरकार में मंत्री संजय सिंह गंगवार को कोर्ट ने सुनाई तीन महीने की सजा, बसपा में रहते दर्ज हुआ था केस

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उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना व चीनी राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार को आचार संहिता के उल्लंघन के दो मामलों में दोषी करार दिया गया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें शनिवार को तीन-तीन महीने के साधारण कारावास और दो-दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही मंत्री के खिलाफ 2000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना गया है। वहीं, अदालत ने गंगवार को एक अन्य मामले में दोषमुक्त कर दिया है।

MP-MLA कोर्ट ने सुनाई सजा

एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) की विशेष न्यायाधीश प्रियंका रानी ने प्रत्येक मामले में गन्ना और चीनी राज्य मंत्री पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) के उल्लंघन के तीसरे मामले में उन्हें बरी कर दिया गया। सजा सुनाए जाने के बाद अदालत में मौजूद गंगवार को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि बाद में उनके वकील ने जमानत अर्जी दायर की, जिस पर अदालत ने विचार किया और निजी मुचलके पर उन्हें बेल मिल गई।

2012 का है मामला

दरअसल बात 2012 की है जब संजय सिंह गंगवार बसपा में थे और विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। इस दौरान उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ पीलीभीत के सुनगढ़ी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इन्हीं मामलों में संजय सिंह गंगवार को सजा सुनाई गई है। हालांकि मंत्री की विधायक सदस्यता नहीं जाएगी क्योंकि उन्हें केवल 3 महीने की सजा सुनाई गई है।

मंत्री राकेश सचान को भी हो चुकी है एक साल की सजा

बता दें कि अगस्त में अवैध असलहा से जुड़े एक मामले में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Cabinet Minister Rakesh Sachan) को कोर्ट ने एक साल की जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि, सजा के ऐलान के कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई थी। कानपुर (Kanpur) की कोर्ट द्वारा मंत्री को दोषी करार दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

क्या था मामला, जानें

यह मामला साल 1991 का था, जब राकेश सचान एक छात्र नेता थे। बता दें कि स्टूडेंट लाइफ से ही वह पॉलिटिक्स में सक्रिय रहे हैं। इस मामले में राकेश सचान को नौबस्ता एसओ ब्रजमोहन ने एक राइफल के साथ पकड़ा था।हालांकि राकेश सचान के पास इस राइफल का लाइसेंस नहीं था और उनका दावा है कि यह राइफल उनके नाना के नाम पर थी।

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