Daughters’ Day 2022: डॉटर्स डे, जैसा कि नाम से पता चलता है, परिवार में बेटियों को समर्पित है। जबकि अलग-अलग देश इसे अलग-अलग दिनों में मनाते हैं, यह आमतौर पर सितंबर महीने के चौथे रविवार को मनाया जाता है। भारत में आज 25 सितंबर को मनाया जा रहा है।
बेटी भगवान् का दिया गया एक ऐसा तोहफ़ा हैं जो हर किसी को नहीं मिलता। जैसे बेटा घर का कुलदीपक हैं वैसे बेटी घर की लक्ष्मी होती हैं। जिस घर में बेटियां होती हैं उस घर में अलग ही रौनक रहती हैं। बेटियां अपने पापा की परियां तो मां की राजदुलारी होती हैं, जो कि उनकी अच्छी दोस्त के रुप में उनके साथ खुशियां और सारी दुख-तकलीफ शेयर करती हैं। बेटियां एक साथ कई जिम्मेदारियां संभालने का काम करती है।
बेटियां अपने कंधे पर एक नहीं बल्कि दो-दो घरों की जिम्मेदारियां संभाती हैं एवं दोनों घरों में खुशियां फैलाने का काम करती हैं। जबकि बेटे सिर्फ एक ही घर चलाते हैं, जो लोग यह सोचते हैं कि घरों की रोश्नी सिर्फ चिरागों से ही होती है, तो यह सोचना गलत है क्योंकि बेटियां भी घर में उजाला भरने का काम करती हैं।
वहीं जरूरत पड़े तो वे लड़कों की तरह घर की आर्थिक जरूरतों को भी पूरा करती हैं, लेकिन कहीं न कहीं आज भी बेटियों के प्रति समाज में रुढिवादी सोच हावी हो रही है, कन्या भ्रूण हत्या जैसे मामले बढ़ रहे हैं, जो कि बेटियों के प्रति तुच्छ मानसिकता को साबित कर रही हैं, लेकिन ऐसा कहना भी गलत नहीं है कि पहले की तुलना में आज बेटियों की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है।
महत्व
बेटी दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोगों को बताता है कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं और वास्तव में माता-पिता के लिए सबसे बड़ा उपहार हैं। यह दिन एक तरह से पितृसत्तात्मक दुनिया में हर उस चीज से लड़ता है जो गलत है। जबकि एक दिन बेटियों को मनाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है, अधिकांश माता-पिता यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी बेटी इस दिन बेहद प्यार और विशेष महसूस करें।
उपहार खरीदने से लेकर अपने पसंदीदा केक बनाने तक, माता-पिता कई ऐसे काम कर सकते हैं जो उनकी बेटियों को खुश कर सकते हैं और प्यार महसूस कर सकते हैं।
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