Delhi के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच एक बार फिर टकराव पैदा होता नजर आ रहा है। दरअसल, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीएम केजरीवाल की ओर से हस्ताक्षरित नहीं की गई 47 फाइल को वापस भेज दिया है।
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Delhi एलजी कार्यालय के इस कदम से राष्ट्रीय राजधानी में दो संवैधानिक प्राधिकारों के बीच खींचतान तेज होने की संभावना है।यह घटनाक्रम उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा केजरीवाल को पत्र लिखे जाने के लगभग एक सप्ताह बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि सीएमओ बिना मुख्यमंत्री केजरीवाल के हस्ताक्षर वाली फाइल एलजी सचिवालय को राय और मंजूरी के लिए भेज रहा है।
Delhi एलजी कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा लौटाई गई विभिन्न फाइल में शिक्षा विभाग और वक्फ बोर्ड समेत अन्य विभागों से संबंधित फाइल शामिल हैं। सूत्रों ने दावा किया कि उपराज्यपाल द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बावजूद सीएमओ ने मुख्यमंत्री के बिना हस्ताक्षर वाली फाइल भेजना जारी रखा है।
Delhi में LG से मतभेद कोई नई बात नहीं –
बता दें कि दिल्ली सरकार और आप के बीच मतभेद का पुराना इतिहास रहा है। चाहे नजीब जंग का कार्यकाल रहा हो या अनिल बैजल का। आप सरकार का आरोप रहा है कि एलजी दफ्तर की तरफ से हमेशा अड़चन पैदा की जाती रही है। यह मामला अदालत की दहलीज तक जा पहुंचा था कि आखिर दिल्ली सरकार का बॉस कौन है।
अदालत ने साफ किया कि संवैधानिक तौर पर सरकार का बॉस उपराज्यपाल हैं। लेकिन उपराज्यपाल को भी देखना होगा कि कहीं वो जनहित से जुड़ी फाइलों को बेवजह लटका तो नहीं रहे हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री इस तरह के आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज में खलल डालने की कोशिश करते हैं।
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