कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत होने के बाद देश और दुनिया में वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत हुई। लगभग दो साल तक भारत समेत दुनियाभर की कई कंपनियों में लोगों ने घर से काम किया। हालांकि, कोविड के मामले कम होते ही हालात फिर से पटरी पर लौटने लगे. इसका नतीजा ये रहा कि कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वापस दफ्तर बुलाना शुरू कर दिया। इस तरह Work from home को खत्म कर दिया गया। हालांकि, अब एक सर्वे में हैरान करने वाले आंकड़ें निकलकर सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि वर्क फ्रॉम होम के खत्म होने के बाद इस्तीफे बढ़ गए हैं।
एचआर सॉल्यूशन फर्म Aon ने हाल ही में एक सर्वे किया। इस सर्वे में बताया गया कि इस साल जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम को खत्म किया है. उन्होंने अपने यहां इस्तीफे की संख्या को बढ़ते हुए देखा है। इकोनॉमिक्स टाइम्स द्वारा शेयर किए गए डाटा के मुताबिक, जिन कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम को खत्म किया गया, वहां अगस्त में 29 फीसदी तक इस्तीफा देखने को मिला।
वहीं, जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड वर्क मॉडल (वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्क) अपनाया है, वहां पर 19 फीसदी तक इस्तीफे के मामले सामने आए। इससे पता चलता है कि कर्मचारियों के बीच वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से गुस्सा है। यही वजह है कि वे कंपनियों को ‘बाय बाय’ कह रहे हैं।
भारत में 9 फीसदी कंपनियों में WFH
Aon सर्वे में 700 कंपनियों को शामिल किया गया। सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई कि अब धीरे-धीरे वर्क फ्रॉम होम सभी कंपनियों में खत्म हो रहा है। भारत में केवल 9 फीसदी कंपनियां अगस्त में पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम के तौर पर काम कर रही थीं। वहीं जनवरी में ऐसी कंपनियों की संख्या 38 फीसदी थी।
लेकिन जैसे ही कॉरपोरेट्स ने रिमोट वर्क को खत्म किया। वैसे ही इस्तीफे बढ़ने लगे, जो इस बात का संकेत हैं कि कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर पहले से ही मन बनाया हुआ है।
700 कंपनियों में कैसे हो रहा काम
वर्क फंक्शन | |
हाइब्रिड मॉडल | 68 फीसदी |
ऑफिस साइट | 23 फीसदी |
पूरी तरह रिमोट वर्क | 09 फीसदी |
इन कंपनियों में हाइब्रिड मॉडल
कई प्रमुख कंपनियों ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है, जहां कर्मचारियों को फ्लेक्सिबिलिटी मुहैया कराई जा रही है। इनमें आरपीजी ग्रुप, पेप्सिको और टेक महिंद्रा शामिल हैं। पेप्सिको इंडिया की चीफ एचआर ऑफिसर पवित्रा सिंह ने कहा, ‘कर्मचारियों के पास वर्क फ्रॉम होम करने की सुविधा है। मगर कई लोग ऑफिस आने का ऑप्शन चुन रहे हैं, ताकि काम करने के एनवायरनमेंट में बदलाव किया जा सके। इससे काम करने का जज्बा बना रहता है।’
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