FCI : भारत गेहूं उत्पादन के मामले में दुनियभर में दूसरे स्थान पर है, इसके बावजूद वो कभी इसका निर्यातक नहीं रहा है। हालांकि, वार्षिक उत्पादन का लगभग 0.02% विदेशों से खरीद के साथ कभी अधिक इम्पोर्ट भी नहीं किया। गेहूं के मामले में भारत हमेशा से काफी आत्मनिर्भर रहा है।
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FCI : लेकिन इस वर्ष मार्च में देश में रिकॉर्ड गर्मी के कारण गेहूं के उत्पादन को खतरे में डाल दिया था। जिसके कारण उत्पादन में भी कमी हुई और स्थानीय कीमतों को भी बढ़ा दिया, जिसके कारण कई खाद्य पदार्थों के दाम में भी वृद्धि हुई और करोड़ो भारतीयों को महंगाई का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद घोषणा की थी कि उनका देश दुनिया का पेट भरने को तैयार है। लेकिन चार महीने से भी कम समय के बाद आज सरकार को अनाज के आयात पर विचार करना पड़ सकता है।
FCI के अनुसार अगस्त में देश का गेहूं भंडार 14 साल में सबसे नीचे –
फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक अगस्त में देश का भंडार 14 साल में महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया है जबकि उपभोक्ता गेहूं मुद्रास्फीति 12% के करीब चल रही है। ऐसे में अधिकारी गेहूं पर 40 फीसदी इम्पोर्ट टैक्स को कम करने या उसे खत्म करने पर चर्चा कर रहे हैं।
![No loss to FCI over underutilising Adani Silos, says GOI over CAG report](https://i0.wp.com/www.opindia.com/wp-content/uploads/2021/03/adani-agri-logisticsjpg.jpg?fit=1200%2C749&ssl=1)
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