UPPCL: आप अगर उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और चाहते हैं घर में रोशनी जगमगाती रहे तो उसके लिए बिजली कनेक्शन लेना चाहते हैं तो अब आप सावधान हो जाइए। उत्तर प्रदेश की जनता के लिए बिजली कनेक्शन लेना महंगा पड़ेगा। नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर बढ़ा दी गई है। जहां एक ओर लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के दिन पहले दूध के मूल्य में बढ़ोतरी हो गई, तो वही चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन बाद बिजली कनेक्शन लेना जनता को पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश की जनता के लिए बिजली का कनेक्शन लेना महंगा होने वाला है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने कनेक्शन की दरें बढ़ाने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग पहुंच गया है। कॉरपोरेशन की तरफ से उपभोक्ता सामग्री की दरों को तय करने के लिए संशोधित दरें दाखिल कर दी गई हैं। कास्ट डाटा बुक में जो भी प्रस्ताव शामिल किए गए हैं उससे आने वाले दिनों में ग्रामीणों को भी नया कनेक्शन लेने पर 44% तक अधिक भुगतान करना पड़ेगा। औद्योगिक कनेक्शन की दरों में 50 से 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। नियामक आयोग ने अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई तो बिजली का कनेक्शन काफी महंगा हो जाएगा।
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने क्या कहा?
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पावर कारपोरेशन ने दो दिन पहले संशोधित प्रस्ताव में उपभोक्ता सामग्री की दरों में भारी वृद्धि का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया है। उद्योग और बड़े उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन के सिक्योरिटी धनराशि में 100% से ज्यादा वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। इससे पहले साल 2019 में कास्ट डाटा बुक जारी की गई थी जो वर्तमान में लागू है। अवधेश वर्मा ने बताया कि यूपीपीसीएल ने लेबर एंड ओवरहेड चार्ज जो पहले दो किलोवाट तक 150 रुपए लिया जाता था उसे बढ़ाकर 564 कर दिया है जिससे बीपीएल और छोटे उपभोक्ताओं की नई कनेक्शन की दरों में लगभग 44 फीसद तक की वृद्धि हो जाएगी। उनका कहना है कि एक किलोवाट के भार के लाइफ लाइन विद्युत उपभोक्ता जो बिना जीएसटी के 1032 रुपए का भुगतान करता था अब प्रस्तावित दरें लागू हुईं तो उसे 1486 रुपए का भुगतान करना होगा। स्मार्ट मीटर सिंगल फेज की दरें 3822 और थ्री फेज की दरें 6316 रुपए कर दी गई है नियामक आयोग की तरफ से साल 2024-25 के लिए बिजली कंपनियों के वार्षिक खर्च के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है।
बिजली कंपनियों को दिए गए निर्देश
आयोग की तरफ से बिजली कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि श्रेणीबार बिजली की दरों का प्रस्ताव भी दाखिल करें जिससे जनता के सामने सही स्थिति स्पष्ट करते हुए सुनवाई प्रारंभ कराई जा सके। बिजली कंपनियों की तरफ से इस वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता 1784 करोड़ रुपए प्रस्तावित की गई है। बिजली कंपनियों ने घाटा करीब 11000 से 12000 करोड़ रुपए दर्शाया है। इस घाटे की आड़ में ही बिजली कंपनियां बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल करने वाली हैं। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने विद्युत नियामक आयोग में नए कनेक्शन पर उपभोक्ता सामग्रियों की दरों को तय करने के लिए संशोधित दरें दाखिल कर दी हैं।
कॉरपोरेशन ने देरी पर कोई बात नहीं करते हुए यह भी लिखा है कि अगर अगले दो वर्ष बाद दरें समय से नहीं बढ़ पाएं तो हर साल सात फीसद की बढ़ोतरी मान ली जाए। इस पर विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि कास्ट डाटा बुक की विसंगतियों का मुद्दा सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की मीटिंग में जोर देकर से उठाया जाएगा।
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