Google और Alphabet के CEO सुंदर पिचाई को अमेरिका में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार ग्रहण करते हुए पिचाई ने कहा कि भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ लेकर जाता हूं। अमेरिका में भारत के राजदूत, तरनजीत सिंह संधू \/ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मूल के गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म भूषण से नवाजा है।
भारतीय राजदूत का बयान
भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि मुझे सुंदर पिचाई को पद्म भूषण देने में खुशी हुई, उन्होनें आगे कहा कि उन्हें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पद्म भूषण से नवाज कर खुशी हुई है। मदुरै से माउंटेन व्यू तक की उनकी प्रेरणादायक यात्रा, भारत-अमेरिका आर्थिक और तकनीकी को मजबूत करती है। सुंदर पिचाई ने कहा, मैं पद्म भूषण लेने के लिए मेरी मेजबानी करने के लिए राजदूत संधू और महावाणिज्य दूत प्रसाद को धन्यवाद देना चाहता हूं
पद्म भूषण मिलने पर बोले सुंदर पिचाई
उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि एक ऐसे परिवार में बड़े हुए, जिसने सीखा और ज्ञान को अर्जित किया। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत त्याग किया कि उन्हें (सुंदर पिचाई) अपनी रुचियों का पता लगाने के अवसर मिले।
50 वर्षीय पिचाई ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि तकनीकी परिवर्तन की तीव्र गति को देखने के लिए वर्षों में कई बार भारत लौटना आश्चर्यजनक रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान से लेकर वॉयस टेक्नॉलोजी तक भारत में किए गए बदलाव दुनिया भर के लोगों को फायदा पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा वह Google और भारत के बीच महान साझेदारी को जारी रखने की आशा करते हैं क्योंकि हम टेक्नॉलोजी के फायदों को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया की तारीफ
सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया को लेकर उनका नजरिया निश्चित रूप से उस प्रगति के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है और मुझे गर्व है कि Google ने दो परिवर्तनकारी दशकों में सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के साथ साझेदारी करते हुए भारत में निवेश करना जारी रखा है। हमारे दरवाजे पर आने वाली हर नई तकनीक ने हमारे जीवन को बेहतर बनाया है और उस अनुभव ने मुझे Google के रास्ते पर और दुनियाभर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने वाली तकनीक बनाने में मदद करने का मौका दिया।
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