एक तरफ गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भारत में निवेश करने को लेकर अलग-अलग वादे कर रहे हैं। भारत को टेक्नोलॉजी का भविष्य बता रहे हैं, वहीं दूसरे तरफ गूगल भारत के डिजिटलीकरण के नुकसान को लेकर भारत सरकार को चेतावनी दे रहा है।
जुर्माना लगाने के चलते सरकार पर साधा निशाना
गूगल ने प्रतिस्पर्धा नियामक के उस पर अपनी मजबूत स्थिति के कथित दुरूपयोग के लिए जुर्माना लगाने पर निशाना साधा है और कहा है कि इससे भारत में डिजिटलीकरण को नुकसान पहुंचेगा तथा कीमतें बढ़ेंगी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गूगल पर कुल 2,200 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया था।
देश को नए विकल्प तलाशने की जरूरत
अंतरिम राहत पाने में विफल रहने पर अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी ने एक ब्लॉग में लिखा है कि यह आदेश देश में डिजिटल परिवेश को नुकसान पहुंचाएगा। इसमें कहा गया है कि भारत एक ऐसे मोड़ पर है, जहां टेक्नोलॉजी को लेकर आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए नए विकल्प तलाशना है। ऐसे समय में जब भारत की केवल आधी आबादी ही डिजिटल रूप से जुड़ी हुई है, सीसीआई के आदेश में दिए गए निर्देशों से देश के डिजिटलीकरण में तेजी लाने वाले परिवेश पर हमला हुआ है।
दो बार लगा जुर्माना
कंपनी ने साथ ही कहा कि वह आदेशों के खिलाफ अपील कर रही है। सीसीआई ने अक्टूबर में एक सप्ताह से भी कम समय में पारित दो आदेशों के माध्यम से गूगल पर 2,200 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया था। नियामक ने 20 अक्टूबर को एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में कई बाजारों में मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके बाद 25 अक्टूबर को सीसीआई ने ‘प्ले स्टोर’ नीतियों में मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
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