संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी की लिस्ट में डाल दिया है. लंबे समय से इस पाकिस्तानी आतंकवादी का चीन समर्थन करता था लेकिन चाइना ने आखिरकार अपना हाथ खींच लिया है। भारत पिछले कई सालों से वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहा था. उसे इस मामले में अमेरिका का भी सहयोग मिल रहा था।
कौन अब्दुल रहमान मक्की?
अब्दुल रहमान मक्की का नाम 26/11 मुंबई हमलों के दौरान सामने आया है. वह आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का डिप्टी चीफ है. रिश्ते में वह हाफिज सईद का साला लगता है। मक्की पर भारत में लाल किला समेत 7 बड़े आतंकी हमलों का आरोप है. बता दें कि दिसंबर 2022 में UNSC की अध्यक्षता करते हुए भारत ने आतंकवाद से निपटने की जरूरत पर जोर दिया था. इतना ही नहीं 28-29 अक्टूबर, 2022 को मुंबई और दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काउंटर टेररिज्म कमेटी की बैठक हुई थी. इस बैठक में भी भारत ने इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया था।
चीन लगाता रहा अड़ंगा
बता दें कि मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत पिछले काफी समय से मांग उठाता रहा है. UNSC में 2020 और जून 2022 में प्रस्ताव लाया गया था. हालांकि दोनों बार चीन ने इस पर अड़ंगा लगा दिया था. एक बार फिर सोमवार को UN ने सिक्योरिटी काउंसिल कमेटी के प्रस्तावों के अनुसार मक्की को 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया. UNSC के प्रस्ताव के मुताबिक, मक्की अब धन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, वह हथियार खरीद नहीं कर सकता और अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा भी नहीं कर सकता।
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