क्रिकेटर मोहम्मद शमी को कोलकाता की अदालत में झटका लगा है. मोहम्मद शमी के खिलाफ उसकी पत्नी हसीन जहां की अदालत में जीत हुई है। 5 साल की कानूनी लड़ाई के बाद हसीन जहां की 10 लाख रुपए की मासिक आय को लेकर दायर याचिका को अलीपुर जिला अदालत ने खारिज कर दिया। मोहम्मद शमी की इनकम टैक्स के तौर पर सालाना आय 7.19 करोड़ रुपए हैं।
कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर (Mohammed Shami) को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे अपनी पत्नी और बच्ची के भरण पोषण के लिये एक लाख 30 हजार रुपए हर महीने देंगे। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि इस रकम में से 50 हजार उनकी पत्नी हसीन जहां को दी जाएगी और बाकि के 80 हजार रुपए उनकी बेटी को दी जायेगी। हर माह की 10 तारीख को भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
2018 में दोनों को रिश्तों में आई थी खटास
हसीन और शमी के रिश्तों में साल 2018 में खटास आई थी, जिसके बाद दोनों अलग हो गए थे। हसीन कोलकाता में अपनी बेटी के साथ एक फ्लैट में रहने लगी। हसीन ने उस दौरान शमी के खिलाफ डोमेस्टिक वॉइलेंस का मुकदमा भी दायर कराया था। उन्होंने अपने गुजारा भत्ता के लिये अदालत में अर्जी भी लगाई थी और शमी से अपने गुजारा भत्ता के लिये 7 लाख रुपए की मांग भी की थी।
5 साल से चल रही थी कोर्ट में सुनवाई
हसीन जहां की इस अर्जी पर पिछले 5 वर्षों से सुनवाई चल रही थी। हसीन जहां की ओर से अदालत में लगाई गई अर्जी के बीच मोहम्मद शमी ने भी हसीन जहां के खिलाफ मुकदमा दायर कर अदालत को बताया था कि हसीन जहां एक मॉडल और वो एक्टिंग भी करती हैं जिससे उन्हें हर महीने 10 लाख रुपए की कमाई होती है। शमी ने अपने केस को मजबूत करने के लिये समाचार पत्रों की कॉपी अदालत को मुहैया कराई थी। लेकिन, वे हसीन जहां की आय से जुड़ा कोई वैध दस्तावेज कोर्ट में पेश नहीं कर पाए।
सूत्रों की माने तो हसीन जहां अब शमी के खिलाफ कोलकाता के हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं, क्योंकि शमी हर साल करोड़ों रुपये की कमाई करते हैं, ऐसे में उनकी और उनकी बेटी के गुजारा भत्ता के लिये मिलने वाला खर्च काफी कम है।
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