JN.1 Variant: देश में एक बार फिर से कोरोना महामारी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। क्योंकि केरल से इसका एक्टिव केस सामने आया है। वहीं केरल में सोमवार को कोविड-19 के 111 नए मामले सामने आए। केरल में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है।
इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कोरोना के बढ़ते केसों और सांस लेने संबंधी बीमार लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में क्या हुई बात?
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर हुई बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए। इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। बता दें, आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आईसीएमआर की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी इस बैठक में भाग लिया।
कितना जानलेवा है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1
कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 सब वेरिएंट है। इसे सबसे पहले लक्जमबर्ग में पहचाना गया था। यह कोरोना के पिरोला वेरिएंट (BA.2.85) का वंशज है। जो ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट से बना है। कोरोना के वेरिएंट में म्यूटेशन काफी ज्यादा होते हैं। जोकि काफी ज्यादा परेशानी का कारण है। यह स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेन करता है जिसके कारण लोग काफी जल्दी संक्रमित होते हैं।
केरल में मिला था JN.1 का पहला केस
आपको बता दें, कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में मिला था। 79 साल की एक बुजुर्ग महिला में ये संक्रमण पाया गया था। वहीं, विदेश में भी कोरोना से हाहाकार मचा है। सबसे बुरा हाल सिंगापुर का है, जहां एक हफ्ते के अंदर करीब 56 हजार से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहीं मलेशिया, इंडोनेशिया में भी लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
क्या है कोरोना का JN.1 वैरिएंट?
दरअसल, JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सब-वैरिएंट है। ये कोविड का नया वैरिएंट नहीं है। सबसे पहले दिसंबर 2022 में लक्जमबर्ग में ये वैरिएंट मिला था। इसके बाद यह दुनिया भर में 40 से अधिक देशों में फैल चुका है। JN.1 उसी पिरोलो वैरिएंट से आया है, जो खुद ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकला था।
इसके लक्षण क्या हैं?
JN.1 वैरिएंट के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट जैसे ही हैं। इसमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में, JN.1 वैरिएंट से पीड़ित लोगों में भी स्वाद या गंध की हानि, उल्टी या दस्त जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
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