Punjab Holi 2024: होली का त्यौहार यूँ तो पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हर धर्म, हर राज्य के लोग इसे अपने-अपने तरीकों से सेलिब्रेट करते है। वहीं, जब बात सेलिब्रेशन की हो तो साड्डा पंजाब किवे पीछे रह सकदा है। दरअसल, पंजाब का अपना वखरा स्वैग है। यहाँ होली ही नहीं हर त्यौहार को फुल्ली कलर फुल तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। यहाँ, हर छोटे – बड़े त्यौहार पर मूंदे – कुडियां रल-मिल के गिद्दा ते भंगड़ा करदे ने।
क्या होता है होला मोहल्ला?
वही, अगर मैं बात करूं पंजाब में होली की परम्परा कि तो यहाँ होली मानाने की एक अलग ही परम्परा है। यहाँ होली के समय होला – मोहल्ला का भव्य आयोजन किया जाता है। जो तीन दिन तक लगातार चलता है। ऐसा माना जाता है कि सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंहजी ने होली को नए ढंग से मनाने की परंपरा शुरू की थी। पंजाब के आनंदपुर साहिब में यह पर्व होली की बजाय होला मोहल्ला के नाम से जाना जाता है। होला शब्द होली से और मोहल्ला शब्द मय और हल्ला शब्द से बना है, जिसमें मय का अर्थ बनावटी और हल्ला का अर्थ हमला होता है। इस तरह गुरु साहिब ने होली के पर्व पर दो टोली बनाकर सिखों में वीरता के जज्बे को बढ़ाने के लिए इसकी शुरुआत की थी। ऐसा कहा जाता है कि पंजाब में पहले फूलों से होली खेली जाती थी, पर अब सब होला – मोहल्ला कि परम्परा को मानते चले आ रहे है।
तो ये तो हो गयी परंपरा की बात, चलिए अब हम बात करते है होली में रौनका लगने दी। वही, होली का त्यौहार भी उन त्योहारों में से एक है जिसमे मुंडे – कुडियां भंगड़ा करते है। होली में लोग अपने –अपने घरों में गुजियाँ, पापड़ तो बनाते ही है, लेकिन पंजाब में एक अलग ही मिठास होती है। यहाँ एक ओर लस्सी च भंग दा रंग चढ़दा, ते दुझी ओर मिठाइयाँ, गुजियाँ ते गजरेला दी मिठास होंदी ने।
वही, पंजाब के फ़ोक सोंग्स का क्या ही कहना, यहाँ फ़ोक सोंग्स की भी अलग परम्परा है। यहाँ हर घर के वेडे में अलग ही रौनका देखने को मिलती है। वेडा सजता है और ढोल – नगाड़े बजते है|पूरी महफिल च रौनका लग जांदी ने।
ते हुन आ गया होली दा त्यौहार 25 तारिक नू यानी 25 मार्च को पूरा देश होली के रंग में नज़र आएगा। तुस्सी सरे तैयार हो जाओ रौनका लगान दे लायी क्युकीं आ गया है होली का त्यौहार।
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