शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है। यह दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य , सदाचार एवं संयम की वृद्धि होती है। देवी अपने साधकों के दुख और दोषों का नाश करती हैं। देवी की कृपा से सिद्धि तथा विजय की प्राप्ति होती है। जो साधक मां के इस रूप की पूजा करते हैं, उन्हें सभी कष्टों से निवारण मिलता है, तथा तप, त्याग, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है।
ऐसा है मां ब्रह्मचारिणी का स्वरुप
मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जप की माला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। मां श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। भगवान भोलेनाथ को पति के रुप में पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी ने कई वर्षों तक तपस्या की, उन्होने कठोर ब्रह्मचर्य का पालन किया। उनकी पूजा करनें से व्यक्ति को जीवन में सही मार्ग प्राप्त होता है।
किस भोग से करें मां को प्रसन्न
मां भगवती को नवरात्रि के दूसरे दिन चीनी का भोग लगाना चाहिए, मां को शक्कर का भोग प्रिय है। ब्राह्मण को दान में भी चीनी ही देनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य दीर्घायु होता है। इनकी उपासना करने से मनुष्य में तप, त्याग, सदाचार आदि की वृद्धि होती है। अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम है। इनकी पूजा करने से सभी काम पूरे होते हैं।
कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की उपासना
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करते हुए नीचें लिखे मंत्र को बोलें।
श्र्लोक-
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम,अर्पित करें। इसके बाद देवी मां को प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद के बाद पान, सुपारी भेंट करें, और 3 बार अपनी जगह पर खड़े होकर घूमें। इसके बाद घी व कपूर सें आरती करें।
यह भी पढ़ें : History of September 27 : जानिए आज का इतिहास क्या कुछ है खास
371 total views, 1 views today