Chaitra Navratri 2024: नवरात्री का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। तो आइए जानते हैं माता चंद्रघंटा का महत्व, स्वरूप, और कौन से मंत्र का जाप करने से माता की कृपा बरसेगी?
नवरात्री के तीसरे दिन का महत्व
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तो के शरीर को तेज की प्राप्ति होती है। उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। बल्कि ऐसा भी माना जाता है की मां चंद्रघंटा की मुद्रा हमेशा युद्ध के लिए तत्पर रहने से भक्तो के कष्ट का निवारण शीघ्र कर देती है।
चंद्रघंटा का अर्थ क्या होता है?
हमारे हिंदू धर्म में चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा स्वरूप है, जिसकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। उसका नाम चंद्रघंटा है। जिसका अर्थ है। वह जिसके पास घंटी के आकार का आधा चंद्रमा है।
आज के दिन पूजा करते हुए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
” ऊं देवी चंद्रघंटाय नमः”
इस मंत्र का जाप आपको ५, ७, या ९ बार करना है ”
भोग का महत्व
आज के दिन माता को भोग में सिर्फ दूध से बनी मिठाई या केसर से बनी हुई खीर का ही भोग लगाना चाहिए। ये उपासक के लिए बहुत ही शुभ होता है।
शुभ रंग
जीवन में कल्याण और संतुष्टि पाने के लिए नवरात्रि के तीसरे दिन भक्त मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग भूरा है। ऐसे में नवरात्रि के तीसरे दिन भक्तो को भूरे रंग के वस्त्र पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है।
समाप्त
माता की पूजा विधि को संपन्न करें और माता चंद्रघंटा के आशीर्वाद को प्राप्त करें।
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