Pratapgrah : गर्भपात करना या करवाना दोनों कानूनी अपराध है इस तरह के स्लोगन अस्पतालों में लिखा आपने जरूर देखा होगा। लेकिन क्या सच में इस कानून का पालन होता है। जवाब है नहीं! ऐसे तमाम नर्सिंग होम हैं जहां अवैध तरीके से गर्भपात अपराध धड़ल्ले से हो रहा है। और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है।
ऐसा ही एक नर्सिंग होम यूपी के प्रतापगढ़ जिले में कथित रूप से चल रहा है। जहां आसपुर देवसरा थानान्तर्गत कोपा गांव के ग्रामीण इस नर्सिंग होम संचालक की दबंगई से परेशान हैं।
Pratapgrah : ग्रामीण सलाउद्दीन का कहना है कि आसपुर गांव के ही एक ही परिवार के डा. दरबक्षा बेगन अली एवं उनके पति अनवर अली और उनके सास-ससुर हामिद अली और उनकी पत्नी करीमुन्निशा जैसे लोगों ने गौसिया नर्सिंग होम में अवैध गर्भपात का केन्द्र बना रखा है।
गांव वालों का आरोप है कि यह नर्सिंग होम अवैध रूप से चल रहा उनके पास कोई डिग्री भी नहीं। यदि किसी के द्वारा आपत्ति की जाती है तो उसे जान से मारने की धमकी भी दी जाती है।
Pratapgrah : ग्रामीणों का आरोप है कि इस नर्सिंग होम में होने वाले अवैध गर्भपात का मानव अंश और खून-मल नाली में प्रवाहित कर दिया जाता है। जिसके कारण लोगों का जीवन व्यतीत करना मुश्किल हो गया है।
आसपुर के ग्रामीणों ने इस विषय में कई शिकायतें मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक कीं। एफआईआर भी दर्ज कराई एवं पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत पत्र दिया गया। लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गर्भपात को लेकर क्या है भारत में कानून?
भारत में गर्भपात को लेकर महिलाओं को कानूनी अधिकार नहीं है, लेकिन कुछ शर्तों और निश्चित समय सीमा के अंदर गर्भपात कराया जा सकता है। देश में इसे लेकर क्या नियम और कानून हैं इसके बारे में अमूमन महिलाओं को भी पता नहीं होता है।
Pratapgrah : संशोधित मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेन्सी 2020बिल (Medical Termination of Pregnancy (MTP) 20202) को 2 मार्च, 2020 को लोकसभा में पेश किया गया और 17 मार्च, 2020 को पारित किया गया था। एमटीपी अधिनियम 1971 में संशोधन किया है और नए कानून के तहत इसमें अब गर्भपात के लिए कई श्रेणियां तय की गई हैं। देश में गर्भपात की समय सीमा को 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दिया गया है। इन श्रेणियों में बलात्कार पीड़ित (Rape Victim),अनाचार की शिकार (Victim of Malpractice) और शारीरिक रूप से कमजोर महिलाओं को रखा गया है।
क्या होगी सजा?
अगर ऊपर दिए गए कानून का पालन नहीं होता है तो गर्भपात कराने वाली महिला के साथ डॉक्टर भी अपराधी होगा और उसे आईपीसी की धारा 312 के तहत उन्हें सजा दी जाएगा। अपराध करने वाले को तीन साल सजा होगी, वहीं अगर महिला की इजाजत के बगैर गर्भपात कराया जाता है तो दोषी को 10 साल तक की सजा हो सकती है।
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