विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। अगले पांच साल में यानी 2027 तक अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। मॉर्गन स्टैनली के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया) चेतन अह्या ने एक लेख में कहा कि अवसरों और आकार के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंडिया की Real GDP औसतन 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2030 तक भारत का स्टॉक मार्केट (Indian stock market) दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा। एक्सपर्ट का मानना है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, एनर्जी सेक्टर और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में होने वाले निवेश की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था की सूरत बदल जाएगी। आपको बता दें कि फिलहाल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी की इकोनॉमी ही भारत से बड़ी है।
मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley report) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2031 तक 7.5 ट्रिलियन डॉलर से भी आगे बढ़ जाएगी। साल 2031 तक इंडिया की जीडीपी (India GDP) में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 15.6% बढ़कर 21% हो जाएगा। इंडिया में निर्यात को दुगना हो जाएगा। इसके अतिरिक्त देश में खपत की मात्रा बढ़ जाएगी। आंकड़ों के अनुसार देश की खपत साल 2030 तक 4.9 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगी. देश के खुदरा मार्केट के व्यापार में बढ़ोतरी दर्ज होगी।
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के पीछे का कारण एक्सपर्ट लोग यह बताते हैं कि भारत में आने वाले समय में क्रेडिट की लागत कम होगी जिससे क्रेडिट मांग बढ़ेगी साथ ही क्रेडिट को आसानी से उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे मार्केट में कई तरह के नए बिजनेस आएंगे। इसके अतिरिक्त भारत के एनर्जी सेक्टर में बहुत ही बड़ा व्यापक बदलाव आएगा।
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