Indian Navy: भारतीय नौसेना के एडमिरल के कंधों पर लगने वाले पदसूचक चिन्ह में बड़ा बदलाव किया गया है। नया डिजाइन छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है। ये बदलाव पीएम मोदी के आदेश पर किया गया है। बता दे कि नौसेना के ध्वज के बाद पदसूचक चिन्ह में बदलाव का फैसला लिया गया है। अभी तक भारतीय नौसेना के अधिकारी अंग्रेजों के समय से चले आ रहे गुलामी के प्रतीकों को पहन रहे थे। लेकिन अब वह स्वराज का सपना देखने वाले शिवाजी महाराज की नौसेना से प्रेरित होकर बनाए गए पदसूचक चिन्ह (एपोलेट्स) को पहनेंगे।
बता दें कि पीएम मोदी ने नौसेना दिवस 2023 के दौरान बदलाव का एलान किया था। वहीं नौसेना ने बताया कि एपोलेट्स का नया डिजाइन नौसेना के ध्वज से लिया गया है और यह छत्रपति शिवाजी महाराज के राजमुद्रा से प्रेरित है। आगे नौसेना ने बताया कि यह हमारी समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा प्रतिबिंब है। नए डिजाइन को अपनाना हमारे पंच प्रण के दो स्तंभों- विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिलेगी और हमारे समर्पण को दर्शाएगा।
एपोलेट्स के नए डिजाइन का क्या मतलब
गोल्डन नेवी बटनः एपोलेट्स में मौजूद गोल्डन नेवी बटन गुलामी की मानसिकता को दूर करने को दर्शाता है।
अष्टकोणः यह आठ दिशाओं का दर्शाता है। जो एक सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
टेलीस्कोप: यह भारतीय जल सेना की दूरदृष्टि को दर्शाता है। यह लंबे समय तक हर मौसम में दुनिया में हो रहे बदलवों पर नजर रखने की क्षमता को दिखाता है।
तलवारः यह राष्ट्रीय शक्ति, ताकत और युद्ध को दर्शाता है। इसके साथ ही चुनौती का सामना कर उसे हराने की क्षमता को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने किया था ऐलान
दरअसल, बीती 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में आयोजित हुआ इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना की रैंक में बड़े बदलाव का ऐलान किया। ताकि नौसेना भारतीय संस्कृति से मेल खाए। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। नौसेना के अधिकारियों द्वारा पहने जाने वाले एपोलेट्स आगे से भारतीय संस्कृति और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को दर्शाएंगे।
वहीं रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नौसेना रैंक में बदलाव का असर ऑफिसर रैंक से नीचे के नौसैन्य कर्मियों पर पड़ेगा। वहीं एपोलेट्स में बदलाव एडमिरल स्तर के अधिकारियों पर पड़ेंगे। इनमें रियर एडमिरल, वाइस एडमिरल और एडमिरल शामिल हैं। अभी तक नाविकों के एपोलेट्स में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।
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