उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मदरसों का सर्वे कराने का फैसला किया है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने सर्वे के फैसले पर ऐतराज जताया है। मौलाना महमूद मदनी ने मोर्चा खोलने का संकेत दिया है। दिल्ली में जमीयत की बैठक में कहा गया कि योगी सरकार के फैसले के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है।
दरअसल, योगी सरकार ने सभी जिलों में संचालित हो रहे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की रिपोर्ट संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से एक महीने के भीतर देने को कहा है। योगी सरकार के इस फैसले का विरोध जमीयत उलमा-ए हिंद ने किया है. मंगलवार को दिल्ली में हुई अहम बैठक में यूपी के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले करीब 150 मदरसों के प्रमुख शामिल रहे।
इस बैठक में तीन बातों पर चर्चा की गयी है। पहली सरकार से मुलाकात की जाएगी। दूसरी एक स्टेरिंग कमेटी बनाई गई है, जिसमें महूमद मदनी, अरशद मदनी, नियाज़ फ़ारूक़ी, हकीमुद्दीन क़ासमी, दारुल उलूम के मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी समेत 12 लोग शामिल है। यह कमेटी मदरसों से जुड़े सभी मामलों को देखेगी।
तीसरी बात ये समझाई जाएगी कि मदरसे देश की संपत्ति है ना कि कोई बोझ. मदरसों का किरदार देश की आज़ादी से लेकर आज तक अहम है, इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
यह भी पढ़े : शेख हसीना ने की पीएम मोदी से मोदी से मुलाकात, दोनों देशों के बीच हुए सात समझौते
658 total views, 1 views today