Jharkhand के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का चेन्नई में निधन, सीएम ने व्यक्त किया शोक, 2022 मेंं मिली थी मारने की धमकी

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झारखंड के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो का लंबी बीमारी के चलते गुरुवार सुबह निधन हो गया। हाल ही में जगरनाथ महतो को स्वास्थ्य में लगातार बढ़ रही परेशानी की वजह से रांची से एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले जाया गया था। वहीं इलाज के दौरान शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो ने आखिरी सांसें लीं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और भाजपा समेत झारखंड के पक्ष-विपक्ष के तमाम दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया।

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का चेन्नई में इलाज के दौरान निधन, सीएम  हेमंत सोरेन ने जताया शोक - Jharkhand Education Minister Jagarnath Mahto  dies during treatment in ...

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया अपूरणीय क्षति!

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया, ‘अपूरणीय क्षति! हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे! आज झारखण्ड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया। चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीय जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।’

jharkhand education minister jagarnath mahato passed away expressed  grivances people reaction unk | Jagarnath Mahto Death LIVE : शिक्षा मंत्री  जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर आज शाम तक लाया जायेगा रांची

’10 पास’ शिक्षा मंत्री को लेकर हुई आलोचना

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जगरनाथ महतो 10वीं पास थे, जब उन्हें विधायक बनने के बाद सरकार में शिक्षा मंत्री बनाया गया। इस पर विपक्ष समेत कई लोगों ने उनकी आलोचना की। आलोचनाओं से परेशान होकर उन्होंने शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र डुमरी के एक कॉलेज में दाखिला लिया।

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अगस्त 2020 में एक मीडिया रिपोर्ट में जगरनाथ महतो ने कहा था कि वे काफी गरीब परिवार से आते हैं। परिवार खेती करके अपनी गुजर-बसर करता था। गरीबी के कारण वे अपनी पढ़ाई को पूरा नहीं कर पाए। इसका उन्हें हमेश दुख रहा।

दिसंबर 2022 मेंं मिली थी जान से मारने की धमकी

दिसंबर 2022 को जगरनाथ महतो को जान से मारने की भी धमकी मिली थी। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि किसी अज्ञात शख्स ने उन्हें स्पीड पोस्ट से उन्हें धमकी भरा पत्र भेजा था।

कहा जाता है कि उन्हें दो दिन में तीन पत्र मिले थे। पत्र में जगरनाथ महतो के साथ-साथ झामुमो नेता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को भी धमकी दी थी। पत्र में उन्हें 1932-आधारित अधिवास नीति को वापस लेने या परिणाम भुगतने की धमकी दी।

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