कॉलेजियम सिस्टम पर चल रहे विवाद के बीच दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज आर एस सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा है। जब से कानून मंत्री किरेन रीजिजू ने रिटायर्ड जज के इंटरव्यू का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है, जस्टिस सोढ़ी चर्चा में हैं। जस्टिस सोढ़ी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस वायरल वीडियो में जस्टिस सोढ़ी कह रहे हैं, ‘जब हमारा संविधान बना था, तो उसमें एक सिस्टम था जजों की नियुक्ति का। एक पूरा चैप्टर है जैसे, जज कैसे अपॉइंट होते हैं? क्या होता है? अगर आप कहते हो कि यह असंवैधानिक है तो जो इतने समय से हो रहा है… क्या आप संविधान में संशोधन कर सकते हो, नहीं कर सकते हो। संविधान में संशोधन तो संसद ही करेगा लेकिन यहां मुझे लगता है सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को पहली दफा हाईजैक कर लिया (थोड़ी देर हंसते हैं फिर कहते हैं) हाइजैक करके उन्होंने कहा कि हम ही अपॉइंट करेंगे अपने आप को और सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं होगा।
रिटायर्ड जज जस्टिस आरएस सोढी ने इस बात को उठाने के लिए क़ानून मंत्री का धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं और इसलिए मेरे कंधे पर रखकर बंदूक ना चलाई जाए. इस मामले में ये मेरी निजी राय है. कॉलेजियम सिस्टम असंवैधानिक है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये कैसे हो सकता है कि कुछ जज मिलकर ही जजों की नियुक्ति करें. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हो, सचिवालय, कॉलेजियम सिस्टम फेल हुआ. दो- तीन जज मिलकर कैसे तय कर सकते हैं? संसद कानून बनाने में सुप्रीम है, लेकिन कानून का परीक्षण करने में सक्षम है सुप्रीम कोर्ट। जजों की नियुक्ति को लेकर सार्वजनिक आलोचना से बचें संवैधानिक संस्थाएं. इस मामले का बैठकर हल निकालें।
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