यूपी में भाजपा के पिछड़ा वर्ग के चेहरा माने जाने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया है। ऐसा बयान देने वाले भाजपा के इस कद वह पहले नेता हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस पहले से ही यह मांग कर रही हैं। वहीं, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जातिगत जनगणना कराए जाने के फैसले से इन दिनों यह पूरे उत्तर भारत का अहम मुद्दा बना हुआ है। बिहार सरकार के इस फैसले के बाद से उत्तर भारत के कई राज्यों में जातिगत जनगणना कराये जाने की मांग की जा रही है।
कांग्रेस सरकार में क्यों नहीं बनाया गया मुद्दा ?
प्रदेश के उन्नाव के नवाबगंज में कल शनिवार को एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं। हालांकि इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि जब सपा व बसपा के समर्थन से केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब इन दलों ने इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया था।
सपा कर रही समाज को बांटने का काम – केपी मौर्य
इसके साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश के शूद्र वाले बयान पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी का इस समय अभियान चल रहा है। जैसे दूध में नींबू डालकर उसे फाड़ने का काम किया जाता है, वैसे ही ये समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह साजिश सफल नहीं होगी।” उन्होंने कहा कि मैं अपने को हिंदू मानता हूं। गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं। मौर्य ने कहा कि मैं रामचरितमानस को मानता हूं। मैं अखंड मानस का पाठ करता हूं। अभी माताजी का दर्शन किया हूं, हनुमान जी का दर्शन किया हूं, रामलला का भव्य राम मंदिर बनवाने के लिए श्रीरामजन्म भूमि का सिपाही रहा हूं, वह जहर फैलाएंगे लेकिन मैं समाज को बांटने नहीं दूंगा।
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