Lok Sabha Election 2024: देश की प्रथम किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है। उन्हें अखिल भारत हिंदू महासभा ने वाराणसी संसदीय सीट से टिकट दिया है। ये टिकट वाराणसी चुनावी रण में पीएम नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए दिया गया है। 27 मार्च को महासभा की उत्तर प्रदेश इकाई के द्वारा उत्तर प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई थी। जिसमें महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम भी शामिल था।
एक समय में पीएम मोदी के तारीफों के पुल बांधने वाली किन्नर हिमांगी सखी इस बार लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के कामों को चैलेंज देने वाली है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी कौन हैं?, पीएम नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए उतर रही हैं।
कौन हैं किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी?
दरअसल, सातवें चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है। अंतिम चरण में चुनाव होने के बाद भी अभी से इस सीट को लेकर सरगर्मी तेज है। एक तरफ कई बार चुनाव लड़ चुके पीएम मोदी हैं, जो वहीं उन्हें टक्कर देने के लिए मैदान में महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को उतारा गया है, जो पहले बार चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वाराणसी में पीएम मोदी की लोकप्रियता के बीच वह चुनावी नतीजों में क्या परिवर्तन ला सकती हैं।
भागवत कथा सुनाने के लिए मशहूर
हिमांगी सखी किन्नर महामंडलेश्व हैं। वह 5 भाषाओं में भागवत कथा सुनाने के लिए मशहूर हैं। वह पंजाबी, गुजराती, हिंदी, अंग्रेजी और मराठी आदि भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं। हिमांगी सखी भारत के अलावा बैंकाक, सिंगापुर और मॉरिशस आदि जगह पर भागवत कथा सुना चुकी हैं।
वह अक्सर किन्नर समाज के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की मां पंजाबी थीं और उनके पिता गुजराती थे। हिमांगी सखी का बचपन महाराष्ट्र में बिता लेकिन माता-पिता के निधन के बाद हिमांगी सखी वृंदावन पहुंचीं और वहां शास्त्रों का अध्ययन शुरू किया।
चुनाव लड़ने वाली हिमांगी सखी ने क्या कहा?
वाराणसी से चुनाव लड़ने वाली हिमांगी सखी ने का कहना है कि वह किन्नरों के हक के लिए मैदान में उतरी हैं। हालांकि वह पहले कभी चुनाव नहीं लड़ी है। वह चाहती हैं कि लोकसभा और विधानसभा में किन्नरों के लिए सीटे आरक्षित हो और किन्नर समाज भी अपनी बात रख सके।
हिमांगी सखी ने कहा कि आज भी किन्नर समाज भीख मांगकर या तो फिर वेश्यावृत्ति से जुड़कर अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर है। सरकार ने किन्नर समाज को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने आगे बताया कि वह आगामी 12 अप्रैल को वह काशी जाएंगी और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत करेंगी।
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