उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में फर्जी छात्रों के दाखिले की जांच कर रही एसटीएफ (STF) ने बड़ी कार्रवाई की। टीम ने कॉलेजों में दाखिले में कथित अनियमितता (irregularity) के मामले में आयुर्वेद विभाग के पूर्व डायरेक्टर एसएन सिंह, काउंसलिंग के नोडल ऑफिसर रहे उमाकांत यादव समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यूपी सरकार ने 2021 में आयुष कॉलेजों में दाखिले के दौरान अनियमितता उजागर होने के बाद न सिर्फ कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया बल्कि छात्रों का एडमिशन भी निरस्त कर दिए थे। फिलहाल, मामले में लगातार गिरफ्तारी की जा रही है। सरकार इस मामले की सीबीआई जांच के लिए भी सिफारिश कर चुकी है।
नोडल अधिकारी समेत इन पर हुआ एक्शन
उत्तर प्रदेश में हुए आयुष एडमिशन घोटाले की जांच लगातार चल रही है और हर दिन घोटालेबाजों पर शिकंजा कसा जा रहा है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने इस घोटाले में काउंसलिंग के नोडल अधिकारी उमाकांत यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ एक V3 Solutions के नाम से चलने वाली निजी कंपनी के कुलदीप सिंह समेत 12 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि इस कंपनी के साथ आयुष कॉलेजों में एडमिशन में काम करने वाली दो अन्य एजेंसियों के भी 5 कर्मचारियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ को जांच के दौरान आयुर्वेद निदेशालय से ही गड़बड़ी के सबूत मिले हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह पूरा मामला NEET 2021 की परीक्षा से जुड़ा है। आरोप है कि मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दे दिया गया था।
इस मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी। इस दौरान नीट की मेरिट से बाहर रहने वाले छात्रों को भी एडमिशन दे दिया गया था। हैरान कर देने वाली बात यह भी थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को भी अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया था।
891 छात्रों को फर्जी तरीके से ऐसे मिला एडमिशन
जानकारी के अनुसार, मेरिट में आने वाले छात्रों की जगह पर मेरिट से बाहर रहने वाले छात्र का नाम, जन्म तिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर उसे एडमिशन दिया गया। ऐसे 891 छात्रों को मेरिट में फर्जीवाड़ा कर एडमिशन दिया गया।
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