Heatwave Warning In India: अप्रैल का महिना खत्म हो गया। गर्मियों का मौसम तेजी के साथ शुरू होता जा रहा है। लू के थपेड़ों ने अप्रैल में ही झुलसा कर रख दिया। वहीं मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतर इलाकों में भीषण गर्मी पड़ी। अप्रैल में लू से दक्षिणी इलाके ज्यादा प्रभावित रहे।
वैसे तो उत्तर भारत में लू ने अभी असली रंग दिखाना शुरू भी नहीं किया है। अप्रैल के चार दिनों को छोड़कर बाकी सभी दिन लू चली है। IMD के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में दक्षिण के प्रायद्वीपीय इलाके रहे।
गर्मियों का मई से शुरु हो जाता है धीरे-धीरे जून के बीच में गर्मी तेज हो जाती है और कभी-कभी जुलाई में लू जैसी स्थितियां बनती हैं। आखिर लू चलने का पैमाना क्या है? इस बार तो अप्रैल से भीषण गर्मी क्यों पड़ी? मई-जून में क्या होगा?
किन इलाकों में भीषण लू का खतरा?
गुजरात से पश्चिम बंगाल के बीच मध्य, उत्तर और प्रायद्वीपीय भारत तक फैला है। इन इलाकों में हर साल गर्मी के मौसम (मार्च से जून) और कभी-कभी जुलाई में भीषण लू चलती है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में विदर्भ, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती क्षेत्र, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सबसे अधिक लू चलती है।
मौसम विभाग लू का किया ऐलान
IMD ने लू का पैमाना तय कर रखा है। कम से कम दो मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या ज्यादा दर्ज होने पर या सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक होने पर लू की घोषणा की जाती है। तटीय इलाकों में तापमान 37 डिग्री पार करने पर लू की घोषणा होती है।
मई-जून में क्या होगा?
पूरी दुनिया गर्मी की मार झेलना शुरु कर दी है। इसी बीच मौसम विज्ञानियों ने आशंका जाहिर की है कि 2024 पिछले साल से भी गर्म साबित हो सकता है। इसकी एक वजह अल नीनो को बताया गया था। IMD के मुताबिक, अल नीनो की स्थितियां मई और जून में भी बरकरार रहने की उम्मीद है। गर्मी के सीजन में अल नीनो के चलते तापमान में और इजाफा देखने को मिल सकता है।
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