दूसरी बार देश के अटॉर्नी जनरल नियुक्त हुए Mukul Rohatgi, 1 अक्टूबर से संभालेंगे कार्यभार

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भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में Mukul Rohatgi को नियुक्त किया गया है। मुकुल रोहतगी दूसरी बार अपना कार्यकाल शुरू करेंगे। वे एक अक्तूबर को पदभार संभालेंगे। रोहतगी केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। दरअसल मुकुल रोहतगी इससे पहले भी अटॉर्नी जनरल बन चुके हैं।

Mukul Rohatgi
Mukul Rohatgi

Mukul Rohatgi जून 2014 में इस पद पर काबिज हुए थे। उनका कार्यकाल जून 2017 तक रहा था। इसी पद पर दूसरी बार उनकी नियुक्ति हुई है। दरअसल मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की सेवा 30 जून को ही समाप्‍त हो रही थी, लेकिन उनका सेवा विस्‍तार किया गया था। सरकार ने 90 वर्षीय वेणुगोपाल का कार्यकाल एक बार फिर से बढ़ाने की पेशकश की थी।1 अक्टूबर से वे इस पद का अपना कार्यभार संभालेंगे।

tenure of attorney general kk venugopal extended for one year | एक साल के  लिए बढ़ाया गया अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल

जानें क्या है अटॉर्नी जनरल का पद?

अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के लिए देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं। जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।

के के वेणुगोपाल से पहले भी अटॉर्नी जनरल थे Mukul Rohatgi-

वर्तमान में कार्यकारी अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल (K.K. Venugopal) का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है और उन्होंने अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाने से इनकार किया है। 91 वर्षीय वेणुगोपाल को देश के शीर्ष कानून अधिकारी का कार्यभार 30 जून 2017 में सौंपा गया था और कई बार उनका सेवा विस्तार किया गया था।

29 जून को 91 वर्षीय वेणुगोपाल को तीन महीने के लिए फिर से अटार्नी जनरल नियुक्त किया गया था। हाल ही में वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को संकेत दिया था कि वह 30 सितंबर के बाद पद को नहीं संभालेंगे। देश के टाप वकीलों में से एक Mukul Rohatgi ने इस कार्यभार को संभालने की सहमति दी है। इससे पहले साल 2014 में उन्हें तीन साल के लिए अटार्नी जनरल बनाया गया था।

देश के जाने- माने वकीलों में शुमार Mukul Rohatgi ने कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट ला कालेज से की थी। इसके बाद मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल के जूनियर रहकर उन्होंने प्रैक्‍ट‍िस शुरू की। योगेश कुमार सभरवाल 2005-2007 तक देश के 36वें मुख्य न्यायाधीश भी रहे थे। उसके बाद 1993 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर काउंसिल का दर्जा दिया और 1999 में रोहतगी एडिशनल सालिसिटर जनरल बन गए।

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