Myanmar की सेना ने चार लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को दी मौत की सजा

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Myanmar : दशकों बाद म्यांमार में देश की सेना ने चार लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को मौत की सजा दी है। म्यांमार के सरकारी अखबार मिरर डेली के मुताबिक चारों को फांसी की सजा कानूनी प्रक्रिया के तहत दी गई। अखबार ने यह भी लिखा कि इन चारों को आतंकवाद के तहत हिंसक और अमानवीय हत्याएं करने के लिए सजा दी गई। म्यांमार में 2021 में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली थी। तब से ही सैन्य सरकार पर लोकतंत्र समर्थकों का दमन करने का आरोप लगता है।

National League for Democracy - Wikipedia

म्यांमार के बाहर से चल रहे निर्वासित नागरिक प्रशासन ने मृत्युदंड की आलोचना करते हुए कहा है, “दंड देने के लिए मौत के घाट उतारना, इस तरह भय फैलाकर जनता पर राज करने की कोशिश हो रही है।” निर्वासन में चल रही सरकार नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट के मानवाधिकार मंत्री ऑन्ग म्यो मिन ने चारों लोगों के हिंसा में शामिल होने के आरोपों को भी खारिज किया।

Myanmar military designates shadow gov't as 'terrorist' group | Human  Rights News | Al Jazeera

एंटोनियो गुटेरस ने इसे जीवन के अधिकार का घोर उल्लंघन बताया –

Myanmar : जिन लोगों को मृत्युदंड दिया गया उनमें तख्तापलट से पहले सत्ताधारी पार्टी एनएलडी के प्रमुख नेता फ्यो जेया थाव भी हैं। थाव, आंग सान सू ची के करीबी थे। लोकतंत्र समर्थक जनांदोलन का हिस्सा रहे थाव पर “विस्फोटक रखने, धमाके करने और आतंकवाद की वित्तीय मदद करने” का इल्जाम लगाया गया था। जनवरी 2022 में बंद कमरे में लगी एक अदालत ने 41 साल के थाव को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।

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एक समाचार एजेंसी से थाव की पत्नी थाजिन नयुंत आंग ने कहा कि उन्हें मृत्युदंड की सजा तामील करने के फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। थाजिन ने कहा, “मैं अब भी खुद इसकी पुष्टि करने में लगी हूं।”

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Myanmar : सैन्य सरकार ने 1988 के आंदोलन के एक और अहम चेहरे क्याव मिन यू को मौत के घाट उतारा है। 53 साल के लोकतंत्र समर्थक क्याव मिन यू, म्यांमार में जिम के नाम से भी जाने जाते थे। उन्हें शहरी इलाकों में गुरिल्ला युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहे संगठन मून लाइन का हेड करार दिया गया। सैन्य सरकार ने उन पर सोशल मीडिया के जरिए लोगों को भड़काने का आरोप भी लगाया।

म्यांमार

इन दोनों के साथ ही हला म्यो आंग और आंग थुरा जाव को भी मौत की सजा दी गई। इन दोनों पर मार्च 2021 में एक महिला की हत्या करने का आरोप था। मारी गई महिला को सेना का जासूस बताया जा रहा था।

Myanmar : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चारों एक्टिविस्ट को मौत की सज़ा दिए जाने को ‘जीवन, आज़ादी और सुरक्षा के अधिकार’ का घोर उल्लंघन बताया है।

एंटोनियो गुटेरेश

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