महाराष्ट्र में प्याज की बंपर पैदावार किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। किसानों ने प्याज को सड़क पर फेंकना शुरू कर दिया है। यही नहीं एक किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने 512 किलोग्राम प्याज की बिक्री के लिए 70 किलोमीटर की यात्रा तक कर डाली। लेकिन उन्हें अपनी उपज को महज 1 रुपये प्रति किलो में ही बेचना पड़ा। इतना ही नहीं उन्हें पोस्ट-डेटेड चेक भी दिया गया है जिसका भुगतान वह 15 दिनों के बाद ही ले सकते है।
वहीं दुनिया के कई देशों में इन दिनों खाने पीने के सामान की किल्लत चल रही है. अगर बात फिलीपींस जैसे देशों की करें तो वहां प्याज का भाव भारतीय रुपए में ₹3500 प्रति किलो है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में ही प्याज ₹200 किलो बिक रहा है. भारत में किसानों की स्थिति यह है कि उन्हें प्याज का सही भाव नहीं मिलने की वजह से वह सड़क पर प्याज बिखेर रहे हैं।
खेत से प्याज निकालकर मंडी तक ले जाने के बाद भी किसानों को 500 किलो प्याज पर ₹2 की बचत हो रही है जिस वजह से किसानों ने प्याज को सड़क पर फेंकना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि प्याज उपजाने में उनकी लागत बढ़ी है जबकि मंडी में उन्हें सही भाव नहीं मिल रहा इस वजह से मंडी में प्याज बेचने की जगह उन्होंने सड़क पर प्याज फेंकना शुरू कर दिया है।
अगर ग्लोबल मार्केट में प्याज के भाव की बात करें तो इस समय दक्षिण कोरिया में प्याज के भाव ₹250 किलो, अमेरिका में ₹240 किलो, ताइवान में ₹200 किलो, जापान में ₹200 किलो, कनाडा में ₹190 किलो और सिंगापुर में ₹180 किलो के भाव से बिक रहे हैं. किसानों की मांग है कि देश में प्याज की बंपर उपज हुई है और इस वजह से प्याज के निर्यात की इजाजत दी जानी चाहिए जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिल सके।
महाराष्ट्र के प्याज उगाने वाले किसान इन दिनों भाव गिरने से काफी परेशान हैं. सोलापुर जिले में 58 साल के प्याज किसान राजेंद्र तुकाराम चौहान 70 किलोमीटर चलकर सोलापुर एपीएमसी में प्याज बेचने पहुंचे थे. 512 किलो प्याज बेचने के बाद उन्हें ₹1 प्रति किलो का भाव मिला।
अगर सिर्फ ट्रांसपोर्ट, मंडी और लोडिंग-अनलोडिंग का खर्च निकालें तो 512 किलो प्याज बेच कर उन्हें 2.49 रुपए का फायदा हुआ है. प्याज की खेती करने वाले तुकाराम ने कहा, “मुझे 512 किलो प्याज की बिक्री के लिए एक रुपए किलो का भाव मिला है. एपीएमसी में प्याज बेचने में आने वाला खर्च काटकर इस प्याज से मुझे ₹2.49 की बचत हुई है।”
किसानों को पिछले साल किसानों को मंडी में प्याज के लिए ₹20 किलो तक का भाव मिल रहा था. किसान तुकाराम के मुताबिक पिछले तीन-चार साल में प्याज की खेती महंगी हुई है, कीटनाशक का खर्च दोगुना हो गया है।
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