Terrorist Attack: Balochistan में पाक सेना का अत्याचार जारी, जानिए क्या है मामला ?

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Terrorist Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पाक सेना के अत्याचार लगातार जारी हैं। पाक सेना ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए अब बलूचों के सैकड़ों घरों को जला दिया। जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। पाक सेना की इस निंदनीय कार्रवाई के परिणामस्वरूप हजारों निर्दोष परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है, और अब उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया है। पाक सेना के लिए बुनियादी मानवाधिकारों की अवहेलना करना कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान द्वारा अभी भी निर्दोष बलूच लोगों पर लगातार अत्याचार जारी हैं।

Big terrorist attack in Pakistans Balochistan four soldiers killed many injured | Pakistan के बलूचिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, चार सैनिकों की मौत, कई घायल | Hindi News, पाकिस्तान-चीन

दरअसल, 27 मार्च, 1948 से बलूच लोगों को लगातार उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है, जिसमें दैनिक घरेलू आक्रमण, फिरौती के लिए अपहरण, गायब होना, नकली मुठभेड़, लक्षित हत्याएं और यातना शामिल हैं। पाक के कब्जे वाले बलूचिस्तान के प्रांत शोषण का केंद्र बिंदु बन गए हैं। पाक सेना इस क्षेत्र की संपत्ति को लूटने की एक भयावह योजना बना रही है। इस संकट पर बलूचिस्तान में शांति और न्याय की दिशा में तत्काल वैश्विक ध्यान और प्रयासों की आवश्यकता है।

अब आपको बताते है कि आखिर पाकिस्तान क्यों बलुच्स्तानियो पर इस तरीके से हमला कर रहा हैं। दरअसल, भारत के बंटवारे के समय से ही बलूचिस्तान के लोग अलग देश की मांग करते रहे हैं। उन्होंने कभी पाकिस्तान के साथ रहना मंजूर नहीं किया है। इसे लेकर वो लगातार संघर्ष कर रहे हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी इस मांग के समर्थन में है, जो पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान में अलग अलग  गतिविधियां के द्वारा आजाद मुल्क की मांग करता आया है।

क्षेत्रफल के हिसाब से बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, हालांकि चारों प्रांतों के मुक़ाबले वहां की आबादी सबसे कम है। इसकी सीमाएं ईरान और अफ़ग़ानिस्तान से मिलती है। ये प्राकृतिक संसाधनों से मालामाल है। वहां गैस, कोयला, तांबा और कोयला के बड़े भंडार है। लेकिन अब भी बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे ग़रीब प्रांत है। बलूचिस्तान के गरीबी और बदहाली का जिम्मेदार पाकिस्तान ही है क्योकि हाल के वर्षो में पाकिस्तान ने यहां चीन के साथ कई प्रोजेक्ट्स शुरू किये हैं और साथ ही ये दोनों मिलकर प्रचुर मात्रा में वहां से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन भी कर रहे हैं। बलूचिस्तान के रेतीले इलाकों में यूरेनियम,पेट्रोल,प्राकृतिक गैस, तांबा और कई अन्य धातुओं के भंडार छिपे हैं। जिसको निकालने को बलूचिस्तान के लोग विरोध करते रहे हैं।

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