इस वर्ष यानी साल 2023 का भारत शंघाई सहयोग संगठन का नेतृत्व करने जा रहा है। बीते दिनों एक बात की चर्चा तेज थी कि क्या पाकिस्तान इस बैठक में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा। और अब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, कि संघाई शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो मई महीने में भारत की यात्रा करेंगे।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में आयोजित होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
2014 में पीएम मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के दौरान उनके शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नई दिल्ली आने के बाद से, यह किसी प्रमुख पाकिस्तानी नेता की भारत की पहली यात्रा होगी।
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी वर्तमान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। पिछले साल अप्रैल महीने में शहबाज शरीफ की सरकार बनने के बाद वह 33 वर्ष की आयु में पाकिस्तान के “सबसे युवा” विदेश मंत्री बने। बिलावल भुट्टो को 2007 में अपनी मां की हत्या के बाद पीपीपी की बागडोर विरासत में मिली थी।
वह उस समय 19 वर्ष के थे और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के क्राइस्ट चर्च कॉलेज में पढ़ रहे थे। पीपीपी का नेतृत्व करने के लिए बेनजीर के उत्तराधिकारी बिलावल को भुट्टो विरासत का उपयोग करके पार्टी को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम माना गया। बिलावल ने अपने नाम के साथ अपने नाना का सरनेम भुट्टो जोड़ा और पूरा नाम बिलावल भुट्टो जरदारी कर लिया।
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