World War Practice: दुनिया में इन दिनों वर्ल्ड वॉर की प्रैक्टिस चल रही है, जिसमें दुनिया के लगभग सभी ताकतवर देश शामिल हैं. दुनिया इस वक्त दो पावर सेंटर्स में बंट गई है. एक तरफ अमेरिका और उसके सहयोगी देश हैं. वहीं, दूसरी तरफ रूस और चीन हैं. अगस्त के आखिर तक दोनों ही भीषण युद्धाभ्यास में जुटे नजर आएंगे. चीन के 17 दुश्मनों की आस्ट्रेलिया में पिच ब्लैक एक्सरसाइज शुरू भी हो गई है. वहीं चीन और रूस इस महीने के अंत में वोस्तोक 2022 एक्सरसाइज शुरू करेंगे. इस बीच भारत की भूमिका बेहद दिलचस्प है .क्योंकि भारत इन दोनों वॉर एक्सरसाइज का हिस्सा होगा..
आस्ट्रेलिया में 17 देश कर रहे युद्धाभ्यास
आस्ट्रेलिया के उत्तरी इलाके में डार्विन और टिंडल एयरबेस पर दुनिया के 17 देशों के सैनिक और खतरनाक लड़ाकू विमान पिच ब्लैक एक्सरसाइज के लिए इकट्ठे हो चुके हैं. इस युद्धाभ्यास से जुड़ी जो सबसे बड़ी खबर है ये है कि इसमें शामिल 17 देश चीन के कट्टर दुश्मन हैं. वहीं इसी महीने की 30 तारीख को रूस के वोस्तोक में भी एक युद्धाभ्यास का आयोजन किया रहा है. वोस्तोक 2022 में रूस और चीन एक साथ मिलकर युद्धाभ्यास करेंगे. इस युद्धाभ्यास के सोवियत संघ में शामिल रहे कुछ देश भी शामिल होंग
भारत की अहम भूमिका
इसके साथ ही ताइवान से यूक्रेन तक भड़क रहे महायुद्ध के शोलों के बीच दोनों ही खेमों में भारत की भूमिका बेहद अहम है. आस्ट्रेलिया में पिच ब्लैक एक्सरसाइज शुरू हो चुकी है, जिसमें दुनिया के 17 देश अपने लड़ाकू विमानों के साथ पहुंचे हैं. इन लड़ाकू विमानों में दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान शामिल हैं. जिनके निशाने से बचना दुश्मनों के लिए लगभग नामुमकिन होता है. भारत भी चार सुखाई एमकेआई के साथ इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने पहुंचा है. ये भारतीय वायुसेना के साथ विश्व की दूसरी वायुसेनाओं के मज़बूत होते सहयोग की मिसाल है।
कई देशों के फाइटर विमान लेंगे हिस्सा
इस अभ्यास में आस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, न्यूज़ीलैंड, यूएई, कनाडा, इंडोनेशिया नीदरलैंड और भारत समेत कुल 17 देश भाग ले रहे हैं. इनमें से कई देशों के साथ चीन का विवाद चल रहा है या वो चीन की दबाव डालकर इलाका हड़पने की नीति से परेशान हैं
भारत को मिल सकता है रणनीतिक फायदा
ऐसे युद्धाभ्यासों से भारत को रणनीतिक फायदा मिल सकता है. अमेरिका और सहयोगियों के साथ भारत के युद्धाभ्यास से भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार रूस को कोई समस्या नहीं है. वहीं अमेरिका को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की भारत रूस और चीन के साथ युद्धाभ्यास कर रहा है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि यह एक सतत प्रक्रिया है. अमेरिका के साथ भी बहुत सारे देश नियमित रूप से सैन्य अभ्यास करते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. वैसे दुनिया की महाशक्तियों में चीन को छोड़ दिया जाए तो रूस अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस हर देश के रिश्ते आपस में जैसे हों लेकिन भारत के साथ उनके संबंध मजबूत होते जा रहे हैं।
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