वाशिंगटन: अमेरिका के राजकीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइ़डेन से मुलाकात की है। इसके बाद पीएम मोदी गिफ्ट एक्सचेंज किए । जिसमें पीएम मोदी ने फर्स्ट लेडी डॉ. जिल बाइडेन को एक 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड उपहार में दिया तो वहीं प्रेसिडेंट जो बाइडने को विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया है।
पीएम मोदी ने भारत की तरफ से जिन उपहारों को राष्ट्रपति जो बाइडेन को भेंट किया है उनसे भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है। उनको दिए गए उपहारों विविधताओं के देश भारत के अलग अलग राज्यों का संगम बनाया गया है।
भारत के उपहारों की विशेषता क्या है?
पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया, जिसे जयपुर के एक मास्टर शिल्पकार ने हाथ से बनाया है। ये डब्बा मैसूर के चंदन की लकड़ी से बनाया गया है। इस बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति है। मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार ने हाथों से बनाया है। बॉक्स में एक दीया (तेल का दीपक) भी है। चांदी के इस दिये को भी इन कारीगरों ने हाथ से बनाया है। पीएम मोदी ने इस डिब्बे में बाइडेन को 10 चांदी के डिब्बे भी दिए हैं जोकि भारतीय संस्कृति के अनुरुप 10 दानों की तरफ इंगित करते हैं।
बता दे कि पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में दस दान राशियां हैं। गौदान (गाय का दान) के लिए गाय की जगह चांदी का नारियल है, भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि की जगह पर मैसूर कर्नाटक से लाया गया चंदन का सुगंधित टुकड़ा है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज चढ़ाए गए हैं। राजस्थान में हस्तनिर्मित, 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में दे गया है। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी दिया है जिसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में दिया गया है। लवणदान (नमक का दान) के लिए गुजरात का लवण या नमक दिया गया है।
पीएम ने यीट्स की बुक भी की गिफ्ट
बता दे कि साल 1937 में, WB येट्स ने श्री पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित इस पुस्तक के पहले संस्करण की एक प्रति, ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’, पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन को उपहार में दी गई है।
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