नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह साढ़े 10 बजे अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और प्रगति मैदान सम्मेलन केंद्र में पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित भी किया।
पीएम मोदी के ‘मिशन कर्मयोगी’ की दिशा में इसे अगला कदम माना जा रहा है। सम्मेलन में प्रशासनिक अधिकारियों की प्रशिक्षण व्यवस्था में सुधार पर चर्चा की जाएगी। इस नेशनल ट्रेनिंग कॉन्क्लेव में देश भर के सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।
जानकारी के अनुसार, इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों, क्षेत्रीय और क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों सहित अलग प्रशिक्षण संस्थानों के 1500 से प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा इस कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी शामिल हुए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और देश भर में सिविल सेवकों के लिए प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
PMO के मुताबिक इसे राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (NPCSCB) ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत आयोजित किया गया है। पीएमओ के मुताबिक, “NPCSCB ‘मिशन कर्मयोगी’ का मुख्य कार्य सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य के लिए सिविल सेवा तैयार करना है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य विचारों और आइडिया के संचार को सुविधाजनक बनाना, सामना की जा रही चुनौतियों की पहचान करना, अवसरों का पता लगाना और प्रभावी क्षमता निर्माण के लिए कार्रवाई योग्य समाधान और व्यापक रणनीति तैयार करना हैष
कॉन्क्लेव के दौरान, आठ-पैनल चर्चाएं होंगी, जिनमें से हर में सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित प्रमुख चिंताओं पर फोकस किया जाएगा। चर्चा का विषयों में विकास, प्रशिक्षण प्रभाव मूल्यांकन, डिजिटलीकरण और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल होंगे।
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