पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को पीएम मोदी ने दी अंतिम श्रद्धांजलि

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पंजाब : पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि दी। पीएम के साथ मनोहर लाल खट्टर भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। बादल का पार्थिव शरीर शिरोमणि अकाली दल के मुख्य दफ्तर सेक्टर 28 चंडीगढ़ में रखा गया है। बादल के पार्थिव शरीर को अकाली दल के झंडे में लपेटा गया है। दोपहर में उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा। वीरवार को उनका अंतिम संस्‍कार किया जाएगा। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री के निधन के चलते पंजाब सरकार ने 27 अप्रैल को सामूहिक अवकाश की घोषणा की है।

पंजाब के पूर्व CM का कल बादल गांव में अंतिम संस्कार होगा, शव यात्रा चंडीगढ़  से रवाना | Parkash Singh Badal Death Updates; Last Darshan Chandigarh |  Cremation Badal Village Badal Political

जानी-मानी हस्तियां देने पहुंचे अंतिम श्रद्धांजलि

बादल के पार्थिव शरीर के दर्शन लिए देश की जानी-मानी हस्तियां पहुंची हैं। पंजाब सरकार की तरफ से वित्त मंत्री हरपाल चीमा और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस आए हैं। बसपा के प्रधान जसबीर सिंह गड़ी, एचएस हंसपाल, पूर्व वित्त मंत्री उपिंदर जीत कौर, भाजपा के विधायक केडी भंडारी समेत कई करीबी दोस्‍त और रिश्‍तेदारों ने उनके दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

1970 में पंजाब के सीएम बने थे

प्रकाश सिंह बादल पहली बार वर्ष 1970 में पंजाब के सीएम बने थे। वर्ष 2017 में वह आखिरी बार इस पद पर थे. वह सिख-केंद्रित पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक भी थे। बादल 12 फरवरी 1997 से 26 फरवरी 2002 की अवधि के बीच भी प्रदेश के सीएम बने थे।

मिला था नागरिक सम्मान

30 मार्च, 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। हालांकि उन्होंने 3 दिसंबर 2020 को भारतीय किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए इस सम्मान को वापस कर दिया था।

क्या है राजनीतिक सफर

वह 1957 में पहली बार शिरोमणि अकाली दल से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह 1969 में फिर से चुन कर आये और तत्कालीन पंजाब सरकार में सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री का पद संभाला। बादल कुल 10 बार विधान सभा के लिए चुने गए थे. वह 1972, 1980 और 2002 में विपक्ष के नेता थे। वर्ष 1997 के चुनावों में वे लंबी विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वर्ष 2007 के पंजाब विधान सभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार ने 117 में से 67 सीटें जीतीं और प्रकाश सिंह बादल ने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की बागडोर संभाली थी।

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