काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की छात्राएं खराब खाने की थाली लेकर लगभग 15 घंटे से कुलपति आवास के बाहर डटी हैं। 5°C की सर्द रात में भी लगभग 200 शोध छात्राएं (PhD स्कॉलर्स) धरने पर बैठी रहीं। उनका कहना है कि पीरियड्स में बॉडी की न्यूट्रीशियन की काफी जरूरत होती है। लेकिन हॉस्टल के मेस में बेहद खराब क्वालिटी का खाना दिया जा रहा है। उनकी मांग है कि कुलपति खुद आकर उनकी बात सुने। उसके बाद ही धरना खत्म होगा।
‘ये कच्चे चावल और आयली फूड, हमें नुकसान पहुंचाएंगे’
कुलपति आवास के बाहर सुरक्षा अधिकारियों और मीडिया को मेस की थाली दिखाते हुए छात्राओं ने सवाल किया कि क्या शोध छात्राओं को ऐसा घटिया भोजन मिलना चाहिए? उबले हुए फ्राइड राइस, कच्चे चावल और ऑयली फूड्स। छात्राओं का कहना है कि ये खाना हमें नुकसान पहुंचाएगा। इस वक्त भी अलाव के सहारे छात्राएं धरना देने के लिए सड़क पर बैठी हुई हैं।
प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने ये भी बताया कि हॉस्टल की फीस 20 हजार रुपये सालाना है. ये अन्य हॉस्टल से कई गुना ज्यादा है. इसके बावजूद उन्हें अभी तक वाईफाई की सुविधा नहीं मिली है. छात्राओं के मुताबिक मेस में जो दूध मिलता है वो सिंथेटिक दूध होता है. छात्राओं की मांग है कि मेस में पौष्टिक खाना मिलना चाहिए।
इसके अलावा प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने ये भी आरोप लगाया है कि वार्डन और मेस के कर्मचारी उन्हें धमकी देते हैं. जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है और मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ती है।
कुलपति से मिले बिना धरना नहीं होगा खत्म
BHU की शोध छात्राएं कुलपति प्रो. सुधीर जैन से मिलकर अपनी बात रखने पर अड़ीं हैं। आज भोर में 4 बजे तक मान-मनौव्वल करने पहुंचे प्रभारी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर विनय पांडेय और छात्र अधिष्ठाता प्रो. एके नेमा को अनसुना कर दिया। छात्राओं ने कहा कि जब तक कुलपति नहीं मिलेंगे, हम रास्ता बंद कर सड़क पर ही पसरे रहेंगे।
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