विश्व के 155 देशों के पवित्र जल से हुआ रामलला का जलाभिषेक

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अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर का जलाभिषेक रविवार को मंत्रोच्चारण के बीच 155 देशों की पवित्र नदियों और सरोवरों से लाये जल से किया गया। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष व पूर्व विधायक विजय जौली के नेतृत्व में दुनिया के सात महाद्वीपों के 155 देशों के पवित्र जल से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का जलाभिषेक का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में 40 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीयों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। जय श्रीराम के गगनभेदी उदघोष के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में अनेक देशों के राजदूत व राजनयिक भी मौजूद थे।

राम मंदिर निर्माण की सीढिय़ों पर मंत्रोच्चारण करने के बाद 155 देशों का जल का छिडक़ाव किया गया है। फिजी,मंगोलिया, डेनमार्क, भूटान, रोमानिया, हैती, ग्रीस, कोमोरास, कबेवर्ड, मोन्टीनीग्रो, टुबालू, अल्बानिया, तिब्बत आदि देशों के राजनयिकों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के इस ऐतिहासिक जलाभिषेक कार्यक्रम में भाग लिया। भूटान, सूरीनाम, फिजी, श्रीलंका व कम्बोडिया के वर्तमान राष्ट्राध्यक्षों ने अपने शुभकामना संदेश डॉ. जौली को भेजे हैं। विहिप ने बताया कि 155 देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान के अलावा बाबर की जन्मस्थली से पवित्र जल आया था।

Ayodhya Ram Mandir Jalabhishek 23 April Ramlala Will Be Anointed With Holy Water 155 Countries | Ram Mandir Jalabhishek: अयोध्या में रामलला के जलाभिषेक के लिए 155 देशों की पवित्र नदियों लाया

डॉ. जौली ने बताया कि बाबर की जन्मस्थली के देश उज्बेकिस्तान के शहर अंदीजान की प्रसिद्ध कशक दरिया नदी का पवित्र जल भी अयोध्या राम मंदिर जलाभिषेक के लिये विशेष रूप से लाया गया था। इसके साथ ही रूस व यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों के साथ-साथ चीन व पाकिस्तान का जल भी अयोध्या राम मंदिर के लिये जलाभिषेक के लिये लाया गया था। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम में न केवल भारत अपितु विश्व भारत के लोगों की आस्था, आत्मा व विश्वास है। इस वैश्विक जल को एकत्रित करने में ढाई साल लगे तथा न केवल हिन्दुओं बल्कि मुसलमानों, ईसाईयों, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी समुदाय व विश्व के सातों महाद्वीपों के लोगों ने इस महाअभियान में सहयोग दिया।

पूर्व विधायक डॉ. जौली ने बताया कि विभिन्न देशों का मटके में जल रखकर सभी महिला और पुरुष ने अपने सिर पर रख करके जय श्री राम का नारा लगाते हुए श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला की सीढिय़ों पर छिडक़ाव किया गया। इस छिडक़ाव में श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय, सदस्य डा. अनिल मिश्रा सहित अनेकों रामभक्तों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में विशेष रूप से विश्व हिन्दू परिषद संरक्षक दिनेश चन्द्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रचारक रामलाल व इन्द्रेश, पंजाब केसरी प्रमुख किरण चोपड़ा, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जे.जे. सिंह, जैन आचार्य लोकेश, शदानी दरबार पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिरलाल, महामण्डलेश्वर यतेंद्रानंद गिरी महाराज, मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास, गोपाल शरण अग्रवाल, अध्यक्ष अखिल भारतीय अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि विधिवत उद्घाटन पूने के नौ पंडितों द्वारा संस्कृत मंत्रोच्चारण के द्वारा किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व भर से एकत्रित जल पर एक लघु फिल्म शलू कुमारी द्वारा निर्देशित भी दिखाई गई।

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