लगातार किसानों के मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उनकी सुरक्षा कम कर दी गई है। सत्यपाल मलिक ने कहा कि जेड प्लस सुरक्षा कवर के बजाय अब उनकी सुरक्षा के लिए एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) तैनात किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर, मेघालय और गोवा के राज्यपाल के रूप में कार्य करने वाले सत्य पाल मलिक ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी सुरक्षा इसलिए छीन ली गई क्योंकि उन्होंने किसानों के मुद्दे और केंद्र की अग्निवीर योजना पर बात की थी। उन्होंने कहा, मुझे सेना से जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान से मुझे खतरा है।
सत्य पाल मलिक 2019 में जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे, जब पूर्ववर्ती राज्य ने संविधान के अनुच्छेद 370 के रूप में ऐतिहासिक परिवर्तन देखे थे। सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। महीनों बाद, सत्य पाल मलिक को गोवा के 18वें राज्यपाल के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया। सत्य पाल मलिक ने अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में काम किया।
एक और इंटरव्यू के दौरान पूर्व राज्यपाल में कहा, “पार्टी में किसी की हिम्मत नहीं है कि पीएम मोदी के खिलाफ कुछ बोले, लेकिन मैं अकेला था जिसने किसानों के सही कारण का पक्ष लिया. इससे उन्हें ठेस पहुंची होगी और इसलिए मेरी सुरक्षा छीन ली गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं बताऊं तो आज तक जम्मू-कश्मीर में जितने भी एलजी रहे हैं उनके सब के पास सुरक्षा है. ऐसे में मेरी ही सुरक्षा क्यों हटाई गई ये समझ नहीं आ रहा है. सुरक्षा ना मिलने की स्थिति में अगर मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए केंद्र ही जिम्मेदार होगा।”
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं। मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। लेकिन अगर मुझे कुछ होता है तो कृपया दिल्ली आ जाइए।
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