पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए सभी विपक्षी दलों जोड़ने में जुटे है। इसी क्रम में आज शुक्रवार को विपक्षी दलों के साथ बैठक करने वाले हैं। हालांकि, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने पत्र लिखकर इस बारे में मुख्यमंत्री को सूचित किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि वह बैठक में क्यों शामिल नहीं हो पाएंगे।
बता दे कि विपक्ष की बैठक के मेजबान बिहार के सीएम नीतीश कुमार को संबोधित एक पत्र में जयंत चौधरी ने कहा कि चूंकि पारिवारिक समारोह पहले निर्धारित था, इसलिए वह बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे। उन्होंने विपक्ष की बैठक की सफलता के लिए नीतीश कुमार को बधाई दी।
नीतीश कुमार को लिखी चिट्ठी में जयंत चौधरी ने क्या कहा?
नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए आरएलडी चीफ ने अपने पत्र में कहा कि आगामी 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में अपने पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम के चलते मैं भाग नहीं ले पाऊंगा।
जयंत चौधरी ने कहा कि आज देश में अधिनायकवादी और सांप्रदायिक शक्तियां जिस तरह लोकतंत्र और समाजिक समरसता के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, उसे देखते हुए समानधर्मा विपक्षी दलों का एकजुट होना समय की मांग है। देश की अहम समस्याओं और चुनौतियों पर संवाद कर समूचा विपक्ष जनता के सामने एक दूरगामी, व्यावहारिक योजना प्रस्तुत कर सकता है। ऐसे हम साथ मिलकर युवा, महिलाएं, किसान और वंचित समाज की आकांक्षाओं और विश्वास के साथ देश में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं। जयंत चौधरी ने अपने पत्र में लिखा कि मुझे विश्वास है कि ये बैठक विपक्षी एकता की राह में एक महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध होगी। उद्देश्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं।
पटना में विपक्ष की बैठक में जुटेगी 20 पार्टियां
बता दें कि विपक्ष की बैठक के लिए लगभग 20 दलों के विपक्षी नेता पटना में जुटने वाले हैं, जहां वे अगले साल के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने की कोशिश करेंगे। यह बैठक नीतीश कुमार ने बुलाई है, जिन्होंने विपक्षी एकता बनाने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता एमके स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जैसे कई राजनेता के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
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