राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जयपुर में मंगलवार सुबह 11 बजे से सचिन पायलट गहलोत सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर एक दिन के अनशन पर बैठे हैं। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पायलट ने वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए घोटालों पर कार्रवाई नहीं होने को मुद्दा उठाया है। इधर, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस नेता के इस अनशन को पार्टी विरोधी करार दिया है।
11 अप्रैल को धरना स्थल की तस्वीरें सामने आईं हैं। इनसे पायलट की तरफ से स्पष्ट करने का प्रयास किया गया कि अनशन वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरोध में है। पायलट गुट ने कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी और मामले की गंभीरता को समझते हुए अपनी सरकार के खिलाफ एक भी बात नहीं लिखी है। अनशन को पूरी तरह से वसुंधरा राजे पर केंद्रित किया गया है।
वहीं शहीद स्मारक पर पायलट के समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है. वहीं शहीद स्मारक पर पायलट के लिए बनाए गए मंच पर लगे पोस्टरों से राहुल गांधी और सोनिया की के साथ ही किसी भी कांग्रेसी नेता की तस्वीर नहीं है।
11 बजे से 5 बजे तक रहेगा मौन व्रत
सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं की बातचीत होने के संकेत हैं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। चूंकि अनशन वसुंधरा राजे के विरुद्ध है, इसलिए पायलट द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप को नकारने का प्रयास किया जा रहा है। पायलट आज 11 बजे से 5 बजे तक मौन व्रत रखने वाले हैं, इस दौरान वो कई जवाब देने से बच जाएंगे।
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