Samajwadi Party : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद हाल ही में हुए रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भी हुई हार ही मिली। इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी से मुकाबले के लिए अपनी रणनीति बदल दी है। भावात्मक मुद्दों पर मात खा रही पार्टी अब उन्हीं मुद्दाें पर आगे बढ़ने और अपना बनाने की मुहिम में जुट गई है।
लब्बोलुआब ये कि सपा अब अपने समाजवाद में राष्ट्रवाद का तड़का लगाने जा रही है। इसके पहले चरण में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान में बढ़-चढ़ कर शामिल होगी। इसके जरिए वह खुद को बड़ी देशभक्त पार्टी के तौर पर पेश करेगी।
Samajwadi Party : मोदी सरकार देश भर में हर घर तिरंगा अभियान जोर शोर से चला रही है। यूपी में इसकी जबरदस्त तैयारियां योगी सरकार करवा रही है। अब सपा ने अपने कार्यकर्ता से अपने अपने घरों में सम्मान के साथ तिरंगा फहराने की अपील की है। विपक्षी दलों में सपा पहली पार्टी है जो इस मुहिम में खुल कर समर्थन में आई है जबकि बाकी विपक्षी दलों ने इस पर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। सपा ने बकायदा निर्देश जारी किए हैं कि सभी कार्यकर्ता 9 से 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहरा दें। पार्टी का कहना है कि भारत छोड़ो आंदोलन में समाजवादियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था।
क्रांति दिवस के मौके पर सपा करने जा रही देश बचाओ- देश बनाओ पदयात्रा –
सपा को 2024 के चुनाव के लिए मजबूत करने में जुटे अखिलेश यादव अब राष्ट्रवाद के सवाल पर खुद को उसके बड़े पैरोकार के तौर पर पेश करना चाहते हैं। सपा ने अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर शुरू करने जा रही पदयात्रा का नाम ही देश बचाओ- देश बनाओ रखा है। इसमें भी तिरंगा झंडा अभियान पर सबसे ज्यादा यात्रा फोकस रहेगा। इसके जरिए समाजवादी खुद को राष्ट्रवाद व देश भक्ति के मोर्चे पर भाजपा को जवाब देना चाहती है।
Samajwadi Party : साफ्ट हिंदुत्व का मुद्दा सपा पहले ही अपना चुकी है। कृष्ण मंदिर, हनुमान भक्त व परशुराम की मुहिम आदि मुद्दों पर अखिलेश हिंदुत्व की बात करते हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिला। अखिलेश की हाल में शिवजी की पूजा व रुद्राभिषेक करते हुए फोटो भी वायरल हुई थी। सपा साफ्ट हिंदुत्व पर आगे बढ़ते हुए अब राष्ट्रवाद पर मुखर होकर भाजपा का मुकाबला करना चाहती है। हालांकि सपा को चुनाव में मुस्लिमों के बड़े वर्ग का समर्थन मिला लेकिन वह सत्ता से दूर ही रही। अब पार्टी रणनीति बदलती दिख रही है।
असल में भाजपा ने हिंदुत्व व राष्ट्रवाद के मुद्दे पर सपा को घेरते हुए आतंकवादियों का मुद्दा खूब उछाला। भाजपा ने आरोप लगाए कि सपा राज में आतंकी गतिविधियों व दंगों में शामिल होने वालों पर मुकदमे वापस लिए गए। यही नहीं ऐसे लोगों की पिछले शासन में खास ख्याल रखा गया। सपा इन सबसे इंकार करती रही है। चुनाव में यह मुद्दा गर्माने पर वोटों का ध्रुवीकरण भी खूब हुआ उसमें भाजपा को ज्यादा फायदा हुआ।
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