महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार पर आज Supreme Court अपना बहुप्रतिक्षित फैसला सुनाने वाला है। इस फैसले में एकनाथ शिंदे के साथ बगावत करने वाले 24 विधायकों की योग्यता पर आज निर्णय आ जाएगा। अगर Supreme Court में शिवसेना के विधायक अयोग्य ठहराए जाते हैं तो बकौल शिवसेना नेता संजय राउत सरकार गिर सकती है। इस पूरे प्रकरण पर उद्धव बालासाहब ठाकरे की शिवसेना के सदस्य और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा निशाना साधा है। उन्होंने कहा, अगर एकनाथ शिंदे को अदालत अयोग्य करार दे देती है तो फिर सरकार गिर जाएगी क्योंकि जब वो नहीं रहेंगे, तो सरकार भी गिर जाएगी।
खतरे में है सरकार, संजय राउत का दावा
मैं महाविकास अघाड़ी का नेता और शिवसेना का MP हूं और मुझे लगता है कि सरकार को खतरा है। अगर 16 MLA की सदस्यता निरस्त होगी तो बचे हुए 24 की भी निरस्त होगी और सरकार तुरंत गिर जाएगी। ऐसे कैसे हो सकता है कि सरकार को खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, हम तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है।
सीएम नीतीश कुमार आज पहुंचेंगे माताश्री
संजय राउत ने बताया, बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ 1 बजे के आस-पास मातोश्री पहुंचेंगे और लगभग 2 घंटे तक यहां पर रहेंगे। नीतीश और तेजस्वी पहले उद्धव ठाकरे के आवास पर जाएंगे और बाद में पवार से उनके घर पर मुलाकात करेंगे।
जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मजबूत गठजोड़ बनाने के लिए विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को भुवनेश्वर में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की थी।
जद (यू) के एमएलसी कपिल पाटिल ने कहा कि कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता यादव उपनगरीय बांद्रा में उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ में दोपहर का भोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेता शाम को पवार से उनके दक्षिण मुंबई स्थित आवास ‘सिल्वर ओक’ में मिलेंगे।
क्या है शिंदे और ठाकरे गुट का विवाद
बता दें कि साल 2022 में शिवसेना में फूट के बाद एकनाथ शिंदे समेत कई विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर लिया था। इस कारण राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन किया गया। इस मामले में जुलाई 2022 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं। अगस्त में इस मामले को संविधान पीठ को सौंपा गया था। इस मामले को चीफ जस्टिस के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने सुना।
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