मध्य प्रदेश के सतना में शारदा शक्तिपीठ मैहर में रोपवे की 7 ट्रॉलियां 40 मिनट तक हवा में लटकी रहीं। इस दौरान तेज आंधी के बीच 28 श्रद्धालुओं की जान हलक में अटकी रही। काफी मशक्कत के बाद इन ट्रॉलियों को उतारा जा सका। इस घटना ने हाल ही में झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे की याद ताजा कर दी। हादसे के बाद रोपवे से उतरने वाले श्रद्धालुओं ने कहाकि उन्हें काफी ज्यादा डर लग रहा था। लग रहा था कि कहीं आज जिंदगी का आखिरी दिन न हो।
नीचे उतरे तो आई जान में जान
घटना को देखकर वहां मौजूद लोग परेशान हो उठे। आनन-फानन में दामोदर रोपवे प्रबंधन ने ट्रॉलियों को नीचे लाने का बंदोबस्त किया। किसी तरह ट्रालियों को धीरे-धीरे नीचे लाकर श्रद्धालुओं को उतारा गया। आंधी और तेज बारिश के बीच मैहर में मां शारदा शक्तिपीठ में त्रिकूट पर्वत पर श्रद्धालुओं को मां की ड्योढ़ी तक पहुंचाने वाले रोपवे में 7 ट्रालियां करीब 40 मिनट तक हवा में ही झूलती रहीं। इस दौरान वहां मौजूद लोग सभी के कुशलता से नीचे आने की प्रार्थना करते रहे।
नहीं मानी मौसम विभाग की चेतावनी
बताया जाता है कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद रोपवे प्रबंधन ने सबक नहीं लिया और रोपवे को चालू रखा। जबकि तेज हवाओं की आशंका के बीच रोपवे का संचालन बंद रखा जाता है। घटना की खबर लगते ही मैहर तहसीलदार मानवेन्द्र सिंह ने मौका मुआयना किया। गौरतलब है कि मौसम के बदले मिजाज के चलते सतना में आज तेज हवाओं और बेमौसम बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ।
देवघर में हुआ था ऐसा
गौरतलब है कि 10 अप्रैल को देवघर से 22 किमी दूर त्रिकूट पहाड़ पर बड़ा हादसा हो गया था। रामनवमी के मौके पर बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक रोपवे पर सवार होकर रोमांच का आनंद ले रहे थे। तभी तार टूटने से एक ट्रॉली नीचे गिर पड़ा। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि दर्जनभर से अधिक पर्यटक घायल हो गए। इस हादसे के बाद काफी समय तक रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ा था।
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