Sonbhadra : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवैध भू-खनन मामले को लेकर बेहद सख्त है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जब पहली बार योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थी तो उस समय किसी भी किसान को अपने छोटे-मोटे काम के लिए एक गड्ढा भी खोदना आसान नहीं था। लेकिन इसी योगी सरकार में एक मामला सोनभद्र से सामने आ रहा है। जहां अवैध खनन के जरिए ही किसानों की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है।
दरअसल यह मामला सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज थानान्तर्गत धौठवां गांव का है। जहां दो पक्षों में जमीनी विवाद के चलते एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के घर पर हमला किया जिसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। साथ ही महिलाओं के साथ अभद्रता की गई जिसकी वजह से बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई दिनों से डर के माहौल में बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
Sonbhadra : धौठवां गांव के एक व्यक्ति ने पैतृक जमीन को अधिया-बटाई पर अपने ही पटीदार प्रभु नारायण और विनोद कुमार को खेती हेतु दी थी। इस पैतृक जमीन के तीन हिस्सेदार हैं, जिसके बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद बना हुआ है। वहीं दूसरे पक्ष ने जमीन का दोहन करते हुए जमीन पर अवैध खनन का कार्य कर जमीन पर बहुत बड़े-बड़े गड्ढे बना दिया और कब्जा कर लिया। पीड़ित पक्ष द्वारा जमीन वापस कब्जा मांगने पर दूसरा पक्ष मारपीट पर उतारू हो गया और उन्होंने तोड़फोड़ करते हुए वहां पर लगी सरकारी ड्रिप सिंचाई यंत्र को तोड़ डाला। पीड़ित पक्ष की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। आस पड़ोस में रखे सभी सामान तोड़ डाले और पीड़ित पक्ष की पत्नी के साथ भी अभद्रता की गई।
Sonbhadra : इस मामले में स्थानीय चौकी प्रभारी धर्मनाथ सिंह जैसे अकर्मण्य बने हुए हैं और कोई कार्यवाही करना ही नहीं चाहते। संबंधित पक्ष इसे विपक्षियों के द्वारा चौकी इंचार्ज के साथ मिलीभगत और गठजोड़ की आशंका जता रहा है। लेखपाल कृष्ण कुमार दुबे को एसडीएम ने 15 दिनों के अंदर जमीन के कब्जा दिलाने का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा था। वह भी अभी तक अपना कार्य सुचारू रूप से कर नहीं पाए हैं और पूरी तरह से निष्क्रिय बने हुए हैं।
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