सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के खिलाफ देश के विभिन्न अदालतों में दायर मुकदमे को इंदौर ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और संजय कैरोल की एक पीठ ने दिल्ली में फारूकी के खिलाफ जारी ‘प्रोडक्शन वारंट’ की तामील के लिए फारूकी को तीन सप्ताह की राहत दे दी है।
हिंदू देवी-देवता पर अपमानजनक टिप्पणी
बता दें कि एक जनवरी 2021 को इंदौर के 56 दुकान इलाके में स्थित एक कैफे में एक शो आयोजित किया गया था। मुनव्वर फारूकी ने शो के दौरान हिंदू देवी-देवता पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद भाजपा की विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौर के बेटे एकलव्य सिंह गौर ने फारूकी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
फारूकी के वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर को इंदौर स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वहां उनके मुवक्किल की सुरक्षा को खतरा है। पीठ ने मौखिक रूप से कहा: इंदौर एक सुरक्षित शहर है। यह मुंबई के करीब भी है। एफआईआर को इंदौर स्थानांतरित करने में क्या समस्या है? वकील ने बेंच से एफआईआर को क्लब करने और उन्हें मुंबई या दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया, न कि इंदौर या प्रयागराज में।
उनके वकील ने आगे कहा कि भारी भीड़ थी और इन शहरों में उनके मुवक्किल की सुरक्षा को लेकर खतरा था। दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, तथ्यों और परिस्थितियों और इस अदालत के पिछले आदेश को ध्यान में रखते हुए, हम सभी शिकायतों को इंदौर के एक पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने के इच्छुक हैं। पीठ ने कहा कि जहां तक इसे रद्द करने की प्रार्थना है, उसने इस मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया है। याचिकाकर्ता कानून के तहत अनुमत ऐसी कार्यवाही शुरू करने के लिए स्वतंत्र है।
शीर्ष अदालत ने फरवरी में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जमानत देने से इनकार के आदेश पर रोक लगाते हुए फारूकी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था। एक बीजेपी विधायक के बेटे ने फारूकी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एफआईआर के मुताबिक, यह टिप्पणी जनवरी 2021 में इंदौर के एक कैफे में आयोजित एक कॉमेडी शो में की गई थी। आरोप है कि शो में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर मजाक किया गया था।
यह भी पढ़ें : Pakistan के पुलिस थाने में ‘आत्मघाती हमला’, 8 पुलिसकर्मी समेत 12 लोगों की मौत
303 total views, 1 views today