Ram Setu को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने संबंधी याचिका पर 26 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

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Ram Setu : उच्चतम न्यायालय ने ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने संबंधी याचिका की सुनवाई 26 जुलाई को करने को लेकर बुधवार को सहमति जता दी।

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भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है। रामसेतु ( Ram Sethu) को आदम का पुल (Adam’s bridge) भी कहा जाता है।

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यूपीए 1 के समय शुरू हुई थी सेतुसमुद्रम शिप चैनल –

Ram Setu : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपीए सरकार 1 के द्वारा शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद इस परियोजना पर रोक लगा दी गई थी।

कुछ ऐसा होगा सेतुसमुद्रम कैनाल परियोजना का भविष्य - future-of-sethusamudram -canal-project

इसके बाद सरकार ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल, पर्यावरणविद और कुछ हिंदू धार्मिक समूह इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने बताया कि इस परियोजना के तहत मन्नार को पाक जलडमरूमध्य से जोड़ा जाएगा, जिसमें व्यापक ड्रेजिंग और चूना पत्थर के शेलों को हटाकर 83 किलो मीटर लंबा पानी चैनल बनाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार के द्वारा कहा गया था कि जहाजों के आने-जाने के लिए रास्ता बनाते समय रामसेतु को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

कहां स्थित है रामसेतु?

Ram Setu : राम सेतु एक पुल है जो तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पत्थर के द्वारा बनाया गया था। यह दक्षिण भारत में रामेश्वरम के पास पंबन द्वीप से श्रीलंका के उत्तरी तट पर मन्नार द्वीप तक बना हुआ है। रामायण महाकाव्य के अनुसार सीता को बचाने के लिए श्रीलंका पहुंचने के लिए भगवान राम व उनकी वानर सेना के द्वारा इस पुल का निर्माण किया गया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने ‘रामसेतु’ को धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर 26 जुलाई को सुनवाई करने के लिए दिन तय किया है। इस दिन सुप्रीम कोर्ट में ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इस याचिका पर गौर किया है। इसके बाद इस मामले की तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को कहा था।

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