ISRO Sun Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 अपनी मंजिल के करीब पहुंच गया है। दरअसल, चंद्रयान-3 के 10 दिन बाद इसरो ने आदित्य मिशन को लांच किया था। ये मिशन देश के लिए सबसे खास क्योंकि अभी तक सूर्य के करीब कोई भी देश नहीं पहुंचा है। इसके साथ ही मिशन आदित्य L1 अपने मंजिल पर पहुंच गया है।
इसरो से मिली जानकारी के अनुसार, आज शनिवार (06 जनवरी) को शाम लगभग 4 बजे इसे अपनी कक्षा में स्थापित हो जाएगा। बता दे कि करीब तीन महीने के सफर के बाद आदित्य एल1 की ऑर्बिट में एंट्री कराने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसका आखिरी पड़ाव कठिन है।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने सोमवार को बताया था कि आदित्य-एल1 6 जनवरी को शाम 4 बजे अपने एल1 प्वाइंट पर पहुंचने वाला है और हम इसे वहां बनाए रखने के लिए अंतिम युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं।” अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यान बिना किसी ग्रहण के सूर्य को देख सकेगा।
इसरो प्रमुख ने कहा था कि जब यह एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा, हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा ताकि यह आगे न बढ़े। यह उस प्वाइंट तक जाएगा और एक बार जब यह उस पर पहुंच जाएगा तो उसके चारों ओर घूमेगा और L1 पर रह जाएगा।
मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना का निरीक्षण करना और पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन प्वाइंट (एल 1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा से इसकी अत्यधिक गर्मी को समझना है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित है। इसरो चीफ ने कहा था कि जब आदित्य L-1 अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा तो यह अगले 5 सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा।
कब हुआ था लॉन्च?
बता दे कि चंद्रयान-3 की सफलता के करीब 10 दिन इसरो ने आदित्य एल1 को लॉन्च किया था। ये मिशन इसलिए भी अहम है क्योंकि सूरज के बेहद करीब किसी मिशन को भेजने में कुछ ही देश सफल हुए हैं। इसके लैग्रेंजियन प्वाइंट तक पहुंचना इसलिए भी अहम है क्योंकि यहां पर धरती और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को अपनी ओर खींचता है।
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